द लीडर हिंदी : यूपी के ज़िला बरेली में इस्लामिया गर्ल्स इंटल कॉलेज की छात्राओं ने ग्रेजुएशन से पहले कामयाबी के फलक को छूने का रास्ता जान लिया. समझ लिया और मन में बैठा लिया कि आइएएस बनकर डीएम और आइपीएस बनकर एसएसपी की कुर्सी पर कैसे बैठेंगी. डक्टर या इंजीनियर बनने के लिए उन्हें क्या करना होगा. आर्मी में जाना चाहती हैं तो कैसे जाएंगी. किस सब्जेक्ट के बूते किस क्षेत्र में करियर बनाया जा सकता है. क्या बनने के लिए कितने साल तक कितना पढ़ना होगा, यह भी छात्राओं ने जान लिया.
जल्दी नौकरी की ज़रूरत है तो क्या करना होगा, यह भी उनकी समझ में आ गया है. बस ज़रूरत इस बात की है कि ख़्वाबों में हक़ीक़त में बदलने के लिए जितनी मेहनत करनी है, उसके लिए हौसला, जज़्बा और जोश के साथ होशमंदी का सुबूत पेश करना होगा. तरक़्क़ी का आसमान उनके क़दमों का इंतज़ार कर रहा है.
क्योकि बरेली के इस्लामिया गर्ल्स में शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के मनोदर्पण कार्यक्रम के तहत वोकेशनल कम करियर प्रदर्शनी चल रही है.जहां सब्जेक्ट वार पूछे जाने पर बताया गया फलक छूने का रास्ता.इस दौरान इंटर के बाद जल्दी नौकरी हासिल करने का तरीक़ा समझा गया. बेकार समझे जाने वाले सब्जेक्ट में कैसे किस्मत चमकेगी ये भी बताया गया.https://theleaderhindi.com/whose-attitude-is-sharpest-in-waqf-law-from-raddobal-to-bareilly-hyderabad/