द लीडर। वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में गुरुवार को कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया. ज्ञानवापी का सर्वे रोकने और कोर्ट कमिश्नर बदले जाने की मुस्लिम पक्ष की याचिका को ख़ारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि, 17 मई के पहले सर्वे काम पूरा किया जाए.
मस्जिद के सभी हिस्सों के सर्वे करने का आदेश
साथ ही सर्वे में बाधा डालने वालों पर कार्रवाई की जाए. कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्र के साथ दो सहायक कमिश्नर भी नियुक्त किए गए हैं. कोर्ट ने हिन्दू पक्ष की दलील को मानते हुए ज्ञानवापी मस्जिद के सभी हिस्सों के सर्वे करने का आदेश सुनाया.
यह भी पढ़ें: सीबीआई कोर्ट में आज़म ख़ान की पेशी, एक तरफ अदालत से राहत तो दूसरी तरफ से प्रशासन का शिकंजा
पिछले सप्ताह कोर्ट के आदेश के बाद मुस्लिम पक्ष के लोगों ने सर्वे करने वाली टीम को मस्जिद में घुसने की अनुमति नहीं दी थी. ज्ञानवापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ मंदिर का विवाद कुछ-कुछ अयोध्या मामले की तरह ही है.
1669 में औरंगजेब ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई थी
फर्क सिर्फ इतना है कि, अयोध्या के मामले में मस्जिद बनी थी जबकि वाराणसी में मंदिर-मस्जिद दोनों ही बने हुए हैं. काशी विवाद में हिंदू पक्ष का कहना है कि, 1669 में औरंगजेब ने यहां मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई थी. वहीं, मुस्लिम पक्ष का दावा है कि यहां मंदिर कभी था ही नहीं बल्कि वहां शुरुआत से ही मस्जिद थी.
5 अगस्त, 2021 को कुछ महिलाओं ने वाराणसी की लोकल कोर्ट में एक याचिका लगाई थी, जिसमें उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी मंदिर समेत कई विग्रहों में पूजा करने की अनुमति देने और सर्वे कराने की मांग की थी.
इसी याचिका पर कोर्ट ने यहां सर्वे करने की अनुमति दी थी. हालांकि, जब टीम सर्वे करने पहुंची तो वहां मुस्लिम पक्ष के लोगों ने उन्हें मस्जिद की वीडियोग्राफी करने से रोक दिया.
नहीं हटाए जाएंगे कोर्ट कमिश्नर
अदालत ने अपने फैसले में कहा है कि, कोर्ट कमिश्नर नहीं हटाए जाएंगे. इसके साथ ही कोर्ट ने दो सहायक कमिश्नर नियुक्त किया है. इसके साथ ही मुख्य कमिश्नर अजय मिश्रा बने रहेंगे. अदालत ने अजय मिश्रा के साथ सहायक कमिश्नर के रुप में विशाल सिंह और अजय सिंह को नियुक्त किया हैं.
अदालत ने कहा कि कोर्ट कमिश्नर नहीं हटाए जाएंगे. वहीं फैसले के बाद मीडिया से बात करते हुए एक वकील ने जानकारी दी की अदालत ने 17 मई तक सर्वे का काम पूरा करने का निर्देश दिया है.
क्या दिया आदेश?
अदालत ने कहा कि, कोर्ट कमिश्नर 17 मई को अपनी रिपोर्ट सौंपे. मिली जानकारी के अनुसार अदालत ने सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक सर्वे के आदेश दिए हैं.
अदालत ने कहा है कि 17 मई तक राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से सर्वे पूरा कराया जाए. अदालत ने कहा है कि सर्वे की कार्रवाई के दौरान अगर दोनों में से कोई एक कोर्ट कमिश्रर एबसेंट भी रहेगा तब भी कार्रवाई होगी.
यह भी पढ़ें: UP की राजनीति में नए बदलाव के संकेत : मायावती के दूत के तौर पर आजम खान से मुलाकात करेंगे सतीश मिश्रा