द लीडर : नौकरी की तलाश ने उज़्बेकिस्तान की सात लड़कियों को देह धंधें के दलदल में ढकेल दिया. नेपाल के रास्ते दिल्ली लाई गईं ये लड़कियां किसी तरह सेक्स रैकेट के चंगुल से छूटकर दिल्ली स्थित उज़्बेकिस्तान की एंबेसी पहुंचीं. और ज़िंदगी बचाने की गुहार लगाई. मामला दिल्ली महिला आयोग तक पहुंचा है. आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने नोटिस जारी करते हुए पुलिस से एफ़आईआर दर्ज करने को कहा है. ताकि दिल्ली में एक्टिव अंतरराष्ट्रीय सेक्स रैकेट का पर्दाफ़ाश हो सके. (Uzbekistan Girls Delhi Sex Racket)
पीड़ित लड़कियों ने अपनी शिकायत में कहा है कि उन्हें नौकरी दिलाने के लिए लाया गया था. कुछ लड़कियां टूरिस्ट और मेडिकल वीज़ा पर लाई गई थीं. जो सीधे भारत पहुंचीं, जबकि कुछ को नेपाल के रास्ते इंडिया लाया गया. नेपाल में भी इनके साथ देह व्यापार कराने की बातें सामने आई हैं. विरोध पर उन्हें यातनाएं दी गईं और जेल में डालने की धमकी.
उनका आरोप है कि दिल्ली में अलग-अलग लोगों से उनका सौदा किया गया, जहां लगातार उनके साथ दुष्कर्म किया जाता था. एक पीड़िता ने बताया कि राजबीर नामक एक शख़्स अक्सर आता था, जो पुलिस की ड्रेस में होता और बंदूक की नोक पर उन्हें धमकाता था. (Uzbekistan Girls Delhi Sex Racket)
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एक पीड़ित लड़कियों ने महिला आयोग से कहा कि एक लड़की किसी तरह भागकर उज़्बेकिस्तान एंबेसी के गेट तक पहुंचीं, तभी अज़ीज़ा सेहर और उसके पति ने उसे बंदूक के दम पर दोबारा किडनैप कर लिया. बाद में जब एंबेसी ने उनसे संपर्क किया तो लड़की को छोड़ा गया.
उज़्बेकिस्तान एंबेसी ने सातों लड़कियों के बयान दर्ज कर लिए हैं. उनका आरोप है कि मानव तस्कर गिरोह की ओर से लगातार उन्हें धमकी भरे फ़ोन कॉल्स आ रहे हैं. महिला आयोग ने कहा कि ये गंभीर मामला है कि एक अंतरराष्ट्रीय मानव तस्कर गिरोह सक्रिय है. आयोग ने लड़कियों को शेल्टर होम में भेजने का आग्रह किया है. और केस दर्ज करने में देरी का भी कारण पूछा है. (Uzbekistan Girls Delhi Sex Racket)
भारत में देह व्यापार की बात करें तो एक रिपोर्ट के मुताबिक क़रीब 28 लाख लड़कियां इस दलदल में फंसी हैं. जिसमें कोई 36 फ़ीसद लड़कियां नाबालिग हैं. जब भी किसी सेक्स रैकेट का खुलासा होता है तो आमतौर पर ये देखा जाता है कि ज़्यादातर लड़कियां नौकरी के बहाने लाई गई होतीं हैं.
दिल्ली में उज़्बेकिस्तान की लड़कियों के देह धंधे में लगाने की ये कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले जुलाई में भी तीन लड़कियों को इस दलदल से निकाला गया था.