88 साल की उम्र में पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी नंदू नाटेकर ने दुनिया को कहा अलविदा

द लीडर हिंदी, नई दिल्ली। देश के पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी नंदू नाटेकर ने 88 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. नंदू नाटेकर के निधन के बाद खेल जगत में शोक की लहर है. बता दें कि, नाटेकर भारत के पहले बैडमिंटन खिलाड़ी थे जिन्होंने साल 1956 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खिताब जीता.

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बताया जा रहा है कि, पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी नंदू नाटेकर काफी दिनों से बीमार चल रहे थे. पीएम मोदी ने भी नंदू नाटेकर के निधन पर दुख जताया है.

पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि, श्री नंदू नाटेकर का भारत के खेल इतिहास में एक विशेष स्थान है. वह एक उत्कृष्ट बैडमिंटन खिलाड़ी और एक महान संरक्षक थे. उनकी सफलता नवोदित एथलीटों को प्रेरित करती रहती है. उनके निधन से दुखी हूं. इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और दोस्तों के साथ हैं. शांति.

अपने बैडमिंटन करियर में नंदू नाटेकर ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे थे. इसके अलावा उन्होंने 6 बार नेशनल चैंपियनशिप का खिताब जीता था. साल 1961 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार दिया गया. यह अवॉर्ड पाने वाले वह भारत के पहले बैडमिंटन खिलाड़ी थे.

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20 साल की उम्र में खेला पहला इंटरनेशनल मैच

नंदू ने 1953 में 20 साल की उम्र में भारत के लिए अपना पहला मैच खेला था. अपने करियर में उन्होंन कई उपलब्धियां हासिल कीं. 1954 में वह ऑल इंग्लैंड चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुंच थे. इसके बाद वह कभी इस टूर्नामेंट में नहीं खेले. यह पहला और आखिरी मौका था जब वह इस टूर्नामेंट में खेले थे. लेकिन वह वेटर्नस कैटेगरी में इस टूर्नामेंट में खेले और 1980, 1981 में युगल वर्ग में जीत हासिल की जबकि 1982 में दूसरे स्थान पर रहे.

थॉमस कप में मिली सफलता

एकल स्पर्धा में उनकी सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि, वह थॉमस कप में 1951 से 1963 तक भारतीय टीम का हिस्सा थे और 16 में से 12 मैच जीतने में सफल रहे थे. वहीं युगल वर्ग में उन्होंने 16 में से आठ मैच जीते थे.1959, 1961 और 1963 में वह टीम के कप्तान भी थे. उन्होंने पुरुष एकल वर्ग, युगल वर्ग और मिश्रित युगल वर्ग में नेशनल चैंपियनशिप भी जीतीं. 1956 में कुआलालंपुर में हुए सेलांगर इंटरनेशनल टूर्नामेंट में उन्होंने जीत हासिल की.

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पब्लिक रिलेशन ऑफिसर भी रहे

वह हिंदुस्तान पेट्रोलियन में बतौर पब्लिक रिलेशन ऑफिसर रहते हुए रिटायर हुए. उनके बेटे गौरव ने भी सफलता हासिल की लेकिन बैडमिंटन में नहीं बल्कि टेनिस में. वह डेविस कप में भारत की तरफ से खेले और 1996 में अर्जुन अवॉर्ड जीतने में सफल रहे.

नंदू नाटेकर का एक बेटा और दो बेटियां है

बता दें कि, नंदू नाटेकर के परिवार में बेटा गौरव और दो बेटियां हैं. गौरव ने बताया कि, उनका घर में निधन हुआ और हम सभी उनके साथ थे. वह पिछले तीन महीने से बीमार थे. अपने समय के सबसे लोकप्रिय खिलाड़ियों में से एक माने जाने वाले नाटेकर दुनिया के पूर्व नंबर तीन खिलाड़ी थे. बता दें कि, पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली में नंदू नाटेकर का जन्म हुआ था

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