द लीडर। जहां एक तरफ देश दुनिया में कोरोना महामारी को जड़ से खत्म करने और लोगों को बचाने के लिए जोरों से वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा है। तो वहीं दूसरी तरफ वैक्सीनेशन के नाम पर लोगों से फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। ताजा मामला यूपी के फिरोजाबाद जिले का है। जहां कोविड वैक्सीनेशन के नाम पर फर्जीवाड़ा सामने आया है.
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बिना वैक्सीनेशन के ही दिया जा रहा सर्टिफिकेट
बता दें कि, यहां जनसेवा केंद्र का संचालक बिना वैक्सीनेशन के ही लोगों को सर्टिफिकेट दे रहा था और उसके बदले 200-200 रुपये वसूल रहा था. वहीं मामले की जानकारी मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में आरोपी जनसेवा केंद्र के संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया. फिलहाल मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं.
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों में मचा हड़कंप
रामगढ़ थाना क्षेत्र में मुवीन पुत्र कमरुद्दीन एक जनसेवा केंद्र संचालित कर रहा था. स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की मानें तो, मुवीन ने किसी एएनएम की आईडी को हैक कर लिया और कोविड वैक्सीनेशन के ई-पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के बाद टीकाकरण का रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया और सर्टिफिकेट भी जारी करने लगा. इधर, स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को जब जानकारी मिली तो हड़कंप मच गया. सीएमओ के निर्देश पर इस बात की जानकारी जुटाई गई कि, इस फर्जीवाड़े का मास्टर माइंड कौन है।
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जनसेवा केंद्र संचालक मुवीन के खिलाफ FIR दर्ज
जानकारी मिलने पर सैलई इलाके के मैडिकल ऑफिसर द्वारा थाना रामगढ़ में जनसेवा केंद्र संचालक मुवीन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया. सीएमओ डॉ. दिनेश कुमार प्रेमी का कहना कि, विभाग की इसमें कोई भूमिका नहीं है फिर भी मामले की जांच कराई जा रही है.
फर्जी तरीके से सर्टिफिकेट खरीदते हैं लोग
दरअसल, कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट की जरूरत कई कामों में पड़ती है. भारत से किसी दूसरे देश में जाने के लिए भी इस प्रमाणपत्र की जरूरत रहती है. इसके अलावा हवाई यात्रा के लिए भी कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ती है. इसके बावजूद तमाम लोग वैक्सीनेशन से घबराकर टीका नहीं लगवाते हैं और फर्जी तरीके से सर्टिफिकेट खरीदते हैं.
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