द लीडर हिंदी: यूपी के बरेली ज़िला अस्पताल में आग लगने से भगदड़ मच गई. 11 नवजात बच्चों की जान मुश्किल में फंस गई.
स्पेशल न्यूबार्न केयर यूनिट एसएनसीयू वार्ड के बाहर पहले धमाके हुए और फिर चिंगारियां निकलने लगीं. देखते ही देखते धुआं फैल गया. परिजन घबराकर चिल्लाने लगे.
अस्पताल का स्टॉफ भी इधर-उधर भागता दिखाई दिया. बच्चों को बचाने के लिए परिजन उन्हें गोद में लेकर भागने लगे. ग़नीमत रही कि आग एसएनसीयू वार्ड के बाहर लगी. अंदर तक नहीं फैली. वरना बहुत बड़ी हादसा हो जाता.
बच्चों की जान ख़तरे में तो पड़ ही गई थी, अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि अगर आग अंदर तक पहुंचती तो क्या होता. यह अफरातफ़री तब बंद हुई, जब बिजली आपूर्ति बाधित कर दी गई.
वार्ड में भर्ती सभी बच्चों को शिफ़्ट किए जाने की तैयारी की जाने लगी. दो बच्चों के परिजन उन्हें निज़ी अस्पताल, एक को शाहजहांपुर और 8 बच्चों को बदायूं मेडिकल कॉलेज में शिफ़्ट किया गया है.
शॉर्ट सर्किट से आग लगने के बाद धमाका हुआ और तेज़ लपटें निकलने लगीं. मामले में जिला महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ त्रिभुवन सिंह ने दुर्घटना को लेकर बताया कि सुबह साढ़े आठ बजे की घटना है. एसएनसीयू वार्ड और ओटी के सामने बरामदे में शार्ट सर्किट होने से चिंगारियां निकलने लगी.
धुआं फैलाने से लोगों में भय के चलते अफरा-तफरी मच गई. वक्त रहते मौजूद स्टाफ ने कनेक्शन काट दिया और खिड़कियां खोल दी. घटना में जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एसएनसीयू वार्ड के बाहर हॉल में सुबह शॉर्ट सर्किट होने से पहले धुआं निकला. फिर देखते ही देखते लपटें निकलने लगीं.
करीब दो मिनट तक शॉर्ट सर्किट होता रहा. इससे पूरे वार्ड में धुआं भर गया. आनन-फानन में स्टाफ ने वार्ड में भर्ती नवजातों को बाहर निकाला.
विद्युत आपूर्ति बंद होने के बाद चिंगारियां निकलना बंद हो गईं. अग्निशमन यंत्र लेकर पहुंचे स्टाफ ने आग पर काबू पाया. जिसकी वजह से बड़ा हादसा होने से टल गया.