द लीडर हिंदी: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने जहां सोमवार 6 मई को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा और शोपियां में जनसभा के दौरान केंद्र पर वार किया. तो वही एक बार फिर फ़ारूक़ अब्दुल्लाह ने धर्म पर राजनीति किए जाने और ‘समाज में नफरत’ के मुद्दे पर बात की है. एक वेबसाइट द्वारा मिली जानकारी के मुताबीक कांग्रेस सरकार के कसीदे और बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए फ़ारूक़ अब्दुल्लाह ने मंगलवार को कहा कि ‘जब देश आज़ाद हुआ तो गांधी थे. हम गांधी के हिंदुस्तान में शामिल हुए. पीएम मोदी के हिंदुस्तान में नहीं हुए. हम वही गांधी का हिंदुस्तान वापस लाना चाहते हैं. जहां हम इज़्ज़त से चल सकें. बात कर सकें. हमदर्दी से इंसान की मदद करें. ये ना देखें कि कौन हिंदू है कौन मुसलमान है.
फ़ारूक़ अब्दुल्लाह यही नहीं रूके उन्होंने आगे बोले, “जो नफ़रत पैदा की जा रही है. वो क्या हिंदुस्तान को मज़बूत करेगी. क्या हम लोग मज़बूत होंगे. क्या हिंदू और मुस्लिम अलग हैं?”इसके साथ ही फ़ारूक़ अब्दुल्लाह ने कहा, “क्या इसके पास 10 उंगलियां हैं. मेरे पास दो उंगलियां हैं.
क्या इसके पास चार आंखें हैं, मेरे पास छह आंखें हैं? उसने (ईश्वर) ने हमें बराबर पैदा किया. हमने ये नफरतें पैदा की हैं. हम ज़िम्मेदार हैं. ये सियासी लोग ज़िम्मेदार हैं. जिन्होंने नफरतों का बीज दिया है. नहीं तो हिंदुस्तान में नफरत नहीं थी.आपको बतादें जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस इंडिया गठबंधन का हिस्सा है.