रामपुर से आज़म ख़ान का नाम मिटा देने का एलान करने वाले फ़रहत अली भेज दिए गए जेल

The Leader. समाजवादी पार्टी के क़द्दावर नेता मुहम्मद आज़म ख़ान और उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म की विधायकी के साथ वोट डालने का अधिकार भी छिन जाने के बाद अब उनका रामपुर से नाम मिटा देने का एलान हुआ है. ऐसा भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारणी के पूर्व सदस्य मुस्लिम महासंघ के अध्यक्ष फ़रहत अली ख़ान ने किया है. उन्होंने सपा शासनकाल के दौरान रामपुर में बने मॉल के उद्घाटन शिलापट को भी तोड़ दिया है. इस पर आज़म ख़ान के साथ पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का नाम अंकित था.


मुहम्मद आज़म ख़ान सियासत के अर्श से फ़र्श तक


शिलापट तोड़ते वक़्त फ़रहत अली ने एलान किया कि जब आज़म ख़ान की विधायकी चली गई और वोट देने का अधिकार भी नहीं बचा तो अब रामपुर में उनके नाम के बोर्ड भी नहीं रहने चाहिए. इस देश में अब राष्ट्रभक्त मुसलमान ही रह सकते हैं. उनकी इस हरकत पर हंगामा खड़ा हो गया. भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों ने बापू मॉल पहुंचकर शिलापट पर हथौड़ा चलाए जाने की घटना पर सख़्त नाराज़गी का इज़हार किया. उसके बाद पुलिस हरकत में गई. नगर पालिका परिषद के सपंत्ति लिपिक मुहम्मद अफ़ज़ल समीर की तरफ से फ़रहत अली ख़ान निवासी मुहल्ला बाजोड़ी टोला पर सरकारी संपत्ति को नुक़साम पहुंचाने इत्यादि धाराओं के तहत मुक़दमा दर्ज करके गिरफ़्तार कर लिया गया. उन्हें जेल भेज दिया है. एएसपी संसार सिंह ने इस संबंध में पुलिस की पुलिस कार्रवाई की जानकारी मीडिया को भी दी है.


अब्दुल्ला आज़म का क़िस्सा तमाम होने के बाद क्या भाजपा क्लोज़ रहने देगी नवाबों का सियायी चैप्टर


दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी के महानगर अध्यक्ष आसिम राजा शमसी ने प्रदेशाध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को पत्र लिखकर घटना की जानकारी दी है. बताया है कि रामपुर में अब आज़म ख़ान और राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नाम वाले बोर्ड हथौड़े से तोड़े जा रहे हैं. इम मामले में हस्तक्षेप की मांग की है. नगर पालिका परिषद की निवर्तमान चेयरमैन फ़ातिमा जबीं ने भी एक वीडियो जारी करके शिलापट तोड़े जाने की घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि ऐसा पहले भी हुआ है लेकिन पुलिस ने शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं की, जिससे अराजकतत्वों का हौसला बढ़ा और बापू मॉल में हथौड़ा लेकर पहुंचने तोड़फोड़ करने की घटना सामने आई. इस मामले में अभी समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी का रुख़ स्पष्ट नहीं हो सका है. दोनों ही तरफ से फिलहाल कुछ नहीं कहा गया है.

waseem

Related Posts

बरेली में केलाडांडी का माहौल जांचने पहुंचे डीएम-एसएसपी

द लीडर हिंदी: यूपी के ज़िला बरेली में जुमे के दिन जिस केलाडांडी गांव में मस्जिद बनाम विवादित स्थल का तनाज़ा खड़ा हुआ, वहां माहौल का जायज़ा लेने के लिए…

बरेली में बिना रंजिश क्यों क़त्ल किए गए सेना के रिटायर्ड माली

द लीडर हिंदी: यूपी के ज़िला बरेली में कैंट के मिलिट्री डेयरी फॉर्म के पास झोंपड़ीनुमा कमरा बनाकर रहने वाले बुज़ुर्ग रिटायर्ड माली की लाश मिली है. तब जबकि उन्हें…