देश के मशहूर वायरोलॉजिस्ट शाहिद जमील ने भारत सरकार के कोविड जीनोम सर्विलांस प्रोजेक्ट ग्रुप से दिया इस्तीफा

द लीडर : भारत सरकार की ओर से गठित कोविड जीनोम सर्विलांस प्रोजक्ट ग्रुप के प्रमुख और देश के मशहूर वायरलॉजिस्ट शाहिद जमील ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.

यह ग्रुप पिछले साल दिसंबर में इसलिए बनाया गया था, ताकि ये पता लगाया जा सके कि कोविड-19 वायरस का कौन सा वेरिएंट भारत में कितनी तेजी से फैल रहा है. इससे किस हद तक नुकसान पहुंच सकता है. उन्हें SARS-CoV-2 वायरस के जीनोम की पहचान करने के लिए वैज्ञानिक सलाहकार ग्रुप का चेयरमैन नियुक्त किया गया था.

वरिष्ठ वायरोलॉजिस्ट शाहिद जमील ने ऐसे वक्त में अपने पद से इस्तीफा दिया है जब भारत कोरोना की दूसरी लहर से बुरी तरह से जूझ रहा है. भारत में कोरोना के कई अलग वेरिएंट मिल रहे हैं जिसके कारण संक्रमण तेजी से फैल रहा है और रोजाना मिलने वाले नए संक्रमित मरीजों की संख्या चार लाख तक पहुंच गई है.

हरियाणा के सोनीपत स्थित अशोका विश्वविद्यालय में त्रिवेदी स्कूल ऑफ बायोसाइंस के डायरेक्टर पद पर कार्यरत शाहिद जमील कोरोना के लेकर सरकार की नीतियों के आलोचक रहे हैं. वह भारत सरकार की और से कोरोना महामारी से निपटने के लिए की जा रही तैयारियों से संतुष्ट नहीं थे.

शाहिद जमील ने कोविड-19 जिनोम सर्विलांस प्रोजेक्ट ग्रुप से इस्तीफा क्यों दिया, इसकी वजह अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है. वरिष्ठ वायरोलॉजिस्ट शाहिद जमील ने हाल ही में न्यूयॉर्क टाइम्स में प्रकाशित एक लेख में सरकार की तैयारियों की आलोचना की थी. भारत सरकार के अधिकारियों पर वैज्ञानिकों की सलाह न मानने तक के आरोप लगाए थे. उन्होंने लेख में लिखा था कि सरकार वैज्ञानिकों की बात सुनने को तैयार नहीं है. सरकार बस नीतियां बनाने में लगी हुई है.

उन्होंने कहा था कि देश को कोरोना की दूसरी घातक लहर से बचाने के लिए टेस्टिंग बढ़ानी होगी. कोविड-19 से संक्रमित लोगों को तेजी से आइसोलेट करना शुरू करना होगा. इन सभी उपायों का भारत में साथी वैज्ञानिक समर्थन करते हैं, लेकिन उन्हें अधिकारियों की साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण की जिद झेलनी पड़ती है.

दूसरी लहर चरम पर पहुंच गई कहना जल्दबाजी

वरिष्ठ वायरोलॉजिस्ट शाहिद जमील ने पिछले दिनों कहा था कि कोरोना की दूसरी लहर पहली की अपेक्षा लंबी हो सकती है यह जुलाई महीने तक चल सकती है. देश में कोरोनावायरस की दूसरी लहर धीमी होती दिख रही है मगर वह अपने चरम पर पहुंच गई है यह कहना जल्दबाजी होगा. दूसरी लहर अभी लंबा चल सकती हैं क्योंकि अभी भी देश में रोजाना 300000 से अधिक नए संक्रमित मिल रहे हैं.

 

Abhinav Rastogi

पत्रकारिता में 2013 से हूं. दैनिक जागरण में बतौर उप संपादक सेवा दे चुका हूं. कंटेंट क्रिएट करने से लेकर डिजिटल की विभिन्न विधाओं में पारंगत हूं.

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