द लीडर : इमाम अहमद रजा खां (आला हजरत) के 103वें उर्सेे रजवी को लेकर काजी-ए-हिंदुस्तान और दरगाह ताजुश्शरिया के सज्जादानशीन मुफ्ती असजद मियां के हवाले से बड़ा बयान सामने आया है. जिसमें कहा गया है कि 2 अक्टूबर यानी कल से शुरू हो रहे उर्से रजवी में जायरीन न आएं. मुफ्ती असजद मियां की तरफ से ऐसी कोई अपील नहीं की गई है. उर्स में न आने को लेकर सोशल मीडिया पर ऐसी जो भी सूचनाएं वायरल हो रही हैं-वो भ्रामक और गलत हैं. लिहाजा, मुफ्ती असजद मियां के ऑफिशियल सोशल मीडिया हैंड्ल्स से जारी सूचना पर ही यकीन करें. (Ala Hazrat Urse Razvi)
आला हजरत का उर्स इस्लामियां इंटर कॉलेज मैदान, दरगाह परिसर और मथुरापुर स्थित मदरसा जामियातुर्रजा में मनाया जाता है. इस्लामियां मैदान में दरगाह आला हजरत के प्रमुख मौलाना सुब्हानी मियां की सरपरस्ती और सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां की सदारत में उर्स मनाया जाएगा.
जबकि मदरसा जामियातुर्रजा में मुफ्ती असजद मियां की सरपरस्ती में उर्स होगा. दोनों जगह उर्स की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. पंडाल लग गया है. मंच भी सज चुका है. बाहर से जायरीन की आमद भी लगभग शुरू हो चुकी है.
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दरगाह आला हजरत और ताजुश्शरिया से जुड़े संगठन जमात रजा-ए-मुस्तफा से जारी एक बयान में कहा गया है कि मदरसा जामियातुर्रजा में उर्स पारंपरिक तरीके से ही मनाया जाएगा. मतलब, जैसे हर साल शानो-शौकत से उर्स मनाया जा रहा है. वैसे ही इस बार भी उर्स होगा. दोनों जगहों पर 2, 3 और 4 अक्टूबर तक उर्स के कार्यक्रम होंगे.
इस बीच मुफ्ती असजद मियां के हवाले से सोशल मीडिया पर ऐसी खबरें शेयर की जा रही थीं कि जायरीन उर्स में न आएं. इस संबंध में मुफ्ती असजद मियां के ऑफिशियल ट्वीटर हैंडल पर एक नोट जारी करके उनक खबरों का खंडन किया गया है.
उर्दू और अंग्रेजी में जारी नोट में दरगाह से जुड़े अकीदतमंदों को पैगाम दिया गया है कि दरगाह से जुड़ी किसी भी खबर पर मुफ्ती असजद मियां के ऑफिशियल सोशल मीडिया हैंडल या दरगाह से जारी अधिकारिक नोट पर भी एतबार करें.
इस्लामियां मैदान और मदरसा जामियातुर्रजा दोनों जगहों पर शासन की गाइडलाइन के मुताबिक उर्स की तैयारियां की जा रही हैं. सेनिटाइजेशन के साथ कोविड हेल्प डेस्क की भी व्यवस्था की जा रही है. जामियातुर्रजा में उर्स की व्यवस्थाएं जमात के उपाध्यक्ष सलमान हसन की देखरेख में की जा रही हैं.
जायरीन की खिदमत के लिए जमात रजा-ए-मुस्तफा और तहरीक-ए-तहफ्फुज-ए-सुन्नियत यानी टीटीएस की तरफ से सेवकों की टीमें गठित की जा रही हैं. जो बाहर से आने वाले या आसपास के जायरीन की सेवा में लगेंगे.
दरगाह आला हजरत पर जायरीन की रौनक नजर आने लगी है. शुक्रवार यानी जुमा की रात को ही दरगाह पर महफिल होगी. और 2 अक्टूबर यानी शनिवार की शाम को परचम कुशाई के साथ उर्स का आगाज हो जाएगा. (Ala Hazrat Urse Razvi)