द लीडर : उत्तराखंड के ऐतिहासिक गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब में मुख्यमंत्री के आगमन पर डांस का आयोजन कराए जाने पर सिख समुदाय भड़क उठा है. सिख समाज ने इसे मर्यादाओं का उल्लंघन बताते हुए प्रबधंक कमेटी से इस्तीफे की मांग की है.
उत्तराखंड के विभिन्न जिलों के साथ ही उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों से सिख समाज के लोग भारी तादात में गुरुद्वारा साहिब पहुंच रहे हैं. पुलिस ने उत्तराखंड की सीमाओं को ब्लाॅक कर दिया है ताकि अन्य राज्यों से आ रहे सिख समुदाय के लोगों को रोका जा सके.
मंगलवार को पूरे मामले के विरोध में गुरुद्वारा साहिब के दीवान हाल में सिख संगत ने एक बैठक का आयोजन किया. इसमें सिख संगत ने प्रबंध कमेटी के पदाधिकारियों से इस्तीफे की मांग की.
विवाद बढ़ने पर मामले का संज्ञान श्री अकाल तख्त साहिब ने भी लिया है. वहां के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है. जिसने मंगलवार को नानकमत्ता साहिब पहुंचकर घटनाक्रम की पूरी पड़ताल की. वह अपनी रिपोर्ट श्री अकाल तख्त साहिब को सौपेंगी. इसके बाद मामले में आगे निर्णय लिया जाएगा.
फिलहाल, सिख समुदाय में मामले को लेकर आक्रोश तेजी से बढ़ रहा है. इसे देखते हुए नानकमत्ता साहिब और उत्तराखंड बार्डर पर भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है.
क्या है पूरा विवाद
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब पहुंचे थे. जहां उन्होंने माथा टेका. इस दौरान मुख्यमंत्री को चांदी का मुकूट भी पहनाया गया.
मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए जोड़ाघर के बाहर टिनशेड के नीचे लड़कियों से स्वागत गीत और नृत्य प्रस्तुत कराया गया. वहां मौजूद किसी शख्स ने डांस का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया. गुरुद्वारा साहिब में डांस का वीडियो सामने आने पर सिख संगत भड़क उठी. उसने इस आयोजन को गुरुद्वारा साहिब की मर्यादा के विरुद्ध बताया. साथ ही प्रबंधक कमेटी से इस्तीफे की मांग शुरू कर दी है.
उत्तराखंड बार्डर पर हंगामा
पूरे मामले को लेकर सिख समुदाय में रोष व्याप्त है. उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों से सिख समाज के लोग नानकमत्ता साहिब आ रहे हैं. मामला लोगों की धार्मिक आस्था से जुड़ा है इसलिए पुलिस हरकत में आ गई है. पुलिस सिख समाज के लोगों को उत्तराखंड सीमा पर रोक रही है जिसे लेकर वहां खासा हंगामा खड़ा हो गया है.
श्री अकाल तख्त साहिब से पहुंची जांच कमेटी
गुरुद्वारा साहिब में डांस का विवाद काफी बढ़ गया है. इसलिए श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी को नानकमत्ता साहिब भेजा. मंगलवार को जांच कमेटी ने उत्तराखंड पहुंचकर लोगों से इसके बारे में जानकारी की.
जांच कमेटी में शामिल अजीत सिंह ने द लीडर से फोन पर बातचीत करते हुए बताया कि मामले की जांच के लिए गुरुद्वारा में मौजूद लोगों से बात की गई है. साथ ही सीएम के कार्यक्रम को लेकर पूरी जानकारी जुटाई गई है.
जांच में क्या सामने आया? और मामले में प्रबंधक कमेटी पर क्या कार्रवाई हो सकती है? इस सवाल पर कहा कि जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को सौंपेगी. मामले में कार्रवाई का निर्णय उसके बाद ही लिया जाएगा.
मुख्यमंत्री उत्तराखंड द्वारा अपने स्वागत में "गुरुद्वारा नानकमत्ता साहिब" में करावाया गया नाच गुरुद्वारे की मर्यादा का उल्लंघन व शर्मनाक है,
जिससे सिख समुदाय व गुरुद्वारे के प्रति श्रद्धा रखने वाले लोगों को ठेस पहुंची है,
मुख्यमंत्री उत्तराखंड को इस पर तुरंत माफी मांगनी चाहिए.. pic.twitter.com/gyGSs2FBmx— Jarnail Singh (@JarnailSinghAAP) July 26, 2021
मुख्यमंत्री सिख संगत से मांगे माफी : जरनैल सिंह
विवाद के बाद विपक्षी दलों की ओर से भी भारतीय जनता पार्टी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को निशाना बनाया जा रहा है. आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रभारी जरनैल सिंह ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए आरोप लगाया-