लखनऊ। देश अब कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पा रहा है. इसके साथ ही वैक्सीनेशन धीरे-धीरे जोर पकड़ रहा है। लेकिन कई लोग वैक्सीन लगवाने से हिचक रहे हैं. वह इसलिए की लोगों के मन में वैक्सीन को लेकर तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं।
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वैक्सीन लगवाने को लेकर कई सवाल
देश में अब तक करोड़ों लोगों को वैक्सीन लग चुकी है. फिर भी लोगों के मन में ऐसे कई सवाल हैं, जैसे-वैक्सीन लगवाने के बाद क्या होगा? क्या इसके कोई साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं? अगर साइड इफेक्ट हुए तो उनसे कैसे निपटा जाए? घर पर क्या सावधानी बरते? तो आइए जानते है वैक्सीनेशन से जुड़े हर सवाल का जवाब।
कोवीशील्ड वैक्सीन का साइड इफेक्ट
कोवीशील्ड वैक्सीन लगवाने के बाद सामान्य साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। कोई एक या एक से ज्यादा लक्षण होना सामान्य बात है। जैसे-
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इंजेक्शन लगने की जगह पर हल्की सूजन, लालिमा, खुजली या चोट लगने जैसा अहसास, गांठ बनना।
बुखार, आमतौर पर बीमार जैसा महसूस करना।
थकान महसूस होना।
ठंड लगना या बुखार जैसा लगना।
सिरदर्द
मितली होना या उल्टी जैसा लगना।
जोड़ों या मांसपेशियों में दर्द।
कुछ लोगों में फ्लू जैसे लक्षण जैसे तेज बुखार, गले में खराश, नाक बहना, खांसी और ठंड लगने जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।
कोवीशील्ड से कुछ और लक्षण
चक्कर आना।
भूख कम होना।
पेट में दर्द।
लिम्फ नोड बढ़ना।
बहुत ज्यादा पसीना आना।
त्वचा में खुजली या रैशेज।
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कोवैक्सिन लगवाने पर साइडइ इफेक्ट
भारत बायोटेक की कोवैक्सिन लगवाने पर कुछ इस तरह के साइड इफेक्ट्स हो सकते है।
इंजेक्शन लगने की जगह दर्द, सूजन, लालिमा या खुजली
सिरदर्द
बुखार
बीमार होने जैसा अहसास
शरीर में दर्द
मितली होना
उल्टी
चकत्ते (रैशेज)
भारत बायोटेक कंपनी का कहना है कि, कोवैक्सिन के कुछ गंभीर और अनपेक्षित साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं।
इनमें बेहद कम होने वाले एलर्जिक रिएक्शन भी शामिल हैं। ऐसा होने पर फौरन डॉक्टर या वैक्सीनेटर से संपर्क करें।
वैक्सीन लगने से पहले न ले साइड इफेक्ट्स की दवा
अमेरिका के सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल (CDC) का कहना है कि, संभावित साइड इफेक्ट्स की दवा, वैक्सीन लगने से पहले नहीं लेनी चाहिए। हो सकता है आपको वह साइड इफेक्ट ही न हो, जिसकी आपने दवा ली है।
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वैक्सीन के साइड इफेक्ट कितने दिनों तक रहते हैं?
आमतौर पर कोरोना वैक्सीन के सामान्य साइड इफेक्ट्स 24 से 48 घंटे तक रहते हैं। अगर किसी में यह लक्षण इससे ज्यादा समय तक बने रहें तो उन्हें डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
वैक्सीन लगने के तुरंत बाद ये बरते सावधानियां?
वैक्सीनेटर आपको वैक्सीन लगाने के बाद 15 मिनट रुकने को कहेंगे, जिससे फौरन होने वाले किसी एलर्जिक रिएक्शन से आपको बचाया जा सके। इस निर्देश को मानें और 15 मिनट तक सेंटर पर जरूर रुकें। सेंटर पर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। मास्क पहनकर ही वैक्सीन लगवाएं।
ध्यान दें कि, इंजेक्शन लगवाने की जगह से खून तो नहीं बह रहा। अगर खून बहे तो तुरंत वैक्सीनेटर को बताएं। ज्यादातर वैक्सीन सेंटर पर पेरासिटामॉल की गोली दी जा रही हैं। बुखार या बदन दर्द होने पर वैक्सीनेटर की बताई डोज के मुताबिक अपने घर पर गोली लें।
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वैक्सीन लगवाने के बाद खाने-पीने का रखें खास ध्यान?
वैक्सीन लगवाने के 3 से 4 दिनों तक भारी मेहनत वाले काम न करें। इस दौरान शराब और सिगरेट से बचे रहें तो अच्छा है। इससे वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स गंभीर होने की संभावना कम होगी। वैक्सीन के बाद आप सामान्य खाना ले सकते हैं। ज्यादा से ज्यादा लिक्विड जैसे नारियल पानी, जूस आदि लें।
वैक्सीन की एक डोज लगवाने के बाद भी हो सकता है कोरोना?
कोरोना की एक डोज लगवाने के बाद भी आपको कोरोना हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि, आप कोरोना से बचने के लिए मास्क, सोशल डिस्टेंसिग, हैंड सैनिटाइजेशन, बेहद जरूरी होने पर ही घर से निकलना, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर न जाने जैसे बचाव के तरीकों को अपनाते रहें।
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क्या कोवीशील्ड या कोवैक्सिन से कोरोना हो सकता है?
एस्ट्राजेनेका की कोवीशील्ड वैक्सीन में कोरोना वायरस यानी SARS-CoV-2 नहीं हैं। इसी तरह भारत बायोटेक की कोवैक्सिन एक inactivated यानी मार दिए गए कोरोना वायरस से बनी वैक्सीन है। साफ है कि भारत में फिलहाल उपलब्ध दोनों में से किसी भी वैक्सीन से कोरोना होने की कोई आशंका नहीं।
वैक्सीन लगवाने से क्या फायदा?
कोरोना ही नहीं, दुनिया में किसी भी बीमारी की कोई भी वैक्सीन 100% असरदार नहीं है। यूके और ब्राजील में हुई स्टडी में एस्ट्राजेनेका की कोवीशील्ड वैक्सीन की दूसरी डोज के 14 दिन बाद उसकी एफिकेसी 66.7% साबित हुई। वहीं, अमेरिका में यह आंकड़ा 100% था।
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भारत बायोटेक का कहना है कि, तीसरे चरण के ट्रायल में कोवैक्सिन की एफिकेसी 81% निकली। साफ है, बेहद कम लोगों को वैक्सीनेशन के बाद भी कोरोना हो सकता है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि, वैक्सीन लगवाने से कोई फायदा नहीं। वैक्सीन कोरोना से बचाव तो करती है, लेकिन अगर कोरोना हो जाए तो गंभीर रूप से बीमार होने से भी बचाती है।