द लीडर हिंदी, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी की स्थिति हर दिन के साथ और नियंत्रित होती जा रही है. प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 340 नए मामले सामने आए है. इसके साथ ही 1,104 मरीज कोरोना संक्रमण से मुक्त हुए हैं.
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यूपी में 7,221 केस एक्टिव
भले ही कोरोना वायरस अब कमजोर पड़ चुका है, लेकिन संक्रमण का खतरा अब भी बना हुआ है. यूपी में बीते 24 घंटों में 2,57,135 सैम्पल जांचे गए. इसके साथ ही यूपी में 7,221 केस एक्टिव हैं.
प्रदेश में रिकवरी दर 98.3% पहुंचा
बीते 24 घंटों में कुल पॉजिटिविटी दर मात्र 0.1% रही, जबकि रिकवरी दर 98.3% हो गई है. प्रदेश में अब तक 05 करोड़ 38 लाख सैम्पल टेस्ट हो चुके हैं. इसके साथ ही अब तक 16 लाख 73 हजार लोग संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं.
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सुचारू रूप से चल रहा टीकाकरण अभियान
कोविड संक्रमण से बचाव के लिए प्रदेशवासियों को टीका-कवर प्रदान करने की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है. विगत 14 दिनों में 51 लाख लोगों में वैक्सीन कवर प्राप्त किया है.
24 घंटों में 4,33,857 लोगों को लगी वैक्सीन
बीते 24 घंटों में 4,33,857 लोगों को वैक्सीन लगाई गई. अब तक 02 करोड़ 35 लाख से अधिक वैक्सीन डोज दिए जा चुके हैं. जबकि, अगस्त की समाप्ति तक 10 करोड़ लोगों को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य है.
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21 जून से कोरोना कर्फ्यू में मिलेगी छूट
कोविड संक्रमण के दृष्टिगत बेहतर होती स्थितियों के बीच आगामी सोमवार, 21 जून से कोरोना कर्फ्यू में और छूट दी जाएगी. रात्रिकालीन कोरोना कर्फ्यू रात्रि 09 बजे से अगले दिन प्रातः 07 बजे तक प्रभावी होगा.
50 फीसदी क्षमता के साथ खुलेंगे रेस्टोरेंट और मॉल
कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन के साथ रेस्टोरेंट व मॉल को 50 फीसदी क्षमता के साथ खोला जा सकेगा. इसी तरह, पार्क, स्ट्रीट फूड आदि के संचालन की अनुमति भी दी जाएगी. इन स्थलों पर कोविड हेल्प डेस्क की स्थापना अनिवार्य होगी.
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तीसरी लहर आने की चेतावनी
आने वाले कुछ माह बच्चों के स्वास्थ्य के दृष्टिगत संवेदनशील हैं. बरसात का मौसम शुरू हो रहा है. संचारी रोग, डेंगू, इंसेफेलाइटिस, चिकनगुनिया आदि की समस्या बढ़ने की आशंका है. विशेषज्ञों ने कोविड की तीसरी लहर की आशंका भी जताई है.
अभिभावकों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत
ऐसे में बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए सभी जरूरी प्रबंध किए जा रहे हैं. अभिभावकों को भी विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. इंसेफेलाइटिस रोकथाम के लिए ‘दस्तक’ अभियान के साथ-साथ संचारी रोगों से बचाव के लिए विशेष जागरुकता अभियान संचालित किए जाएं.
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पल्स ऑक्सीमीटर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराएं
बच्चों के लिए उपयोगी पल्स ऑक्सीमीटर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए. हमारी एमएसएमई इकाइयां, चाइल्ड पल्स ऑक्सीमीटर के विनिर्माण की दिशा में अच्छा सहयोग कर सकती हैं. संबंधित विभाग द्वारा एमएसएमई इकाइयों से संपर्क कर इस दिशा में प्रयास शुरू किए जाएं.
तीसरी लहर से बचाव के लिए किए जाए प्रबंध
कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर से बचाव के लिए सभी जरूरी प्रबंध किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए घर-घर मेडिकल किट वितरण का विशेष कार्यक्रम आज से प्रारंभ किया गया है. यह अत्यंत महत्वपूर्ण कार्यक्रम है.
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निगरानी समितियों को दवाई-किट प्रदान करें मंत्रीगण
जिलों में प्रभारी मंत्रीगणों द्वारा निगरानी समितियों को दवाई-किट प्रदान कराया जाए. निगरानी समितियां जब दवाई-किट दें तो लाभार्थी का नाम-पता फोन नम्बर आदि विवरण भी प्राप्त करें. सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से लाभार्थियों से संपर्क कर बच्चों की सेहत की जानकारी ली जाए.
बच्चों को निःशुल्क दवाई किट वितरित की जाएगी
बच्चों के लिए घर-घर मेडिकल किट वितरण का विशेष अभियान सुचारू रूप से संचालित किया जाए. पहले 50 लाख से अधिक बच्चों को निःशुल्क दवाई किट वितरित की जाएगी.
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प्रत्येक वर्ग के लिए अलग-अलग किट तैयार
18 वर्ष से कम आयु के कोविड-19 के लक्षण युक्त बच्चों को चार वर्गों (0-1 वर्ष, 1-5 वर्ष, 5-12 वर्ष तथा 12-18 वर्ष) में विभाजित किया गया है. प्रत्येक वर्ग हेतु अलग-अलग प्रकार की दवाई किट तैयार की गई है.
टीम-9 को सीएम ने दिए जरूरी दिशा-निर्देश
बता दें कि, कोविड-19 प्रबंधन हेतु गठित टीम-9 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जरूरी दिशा-निर्देश दिए. सीएम ने कहा कि, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और वेंटिलेटर संचालन के लिए सभी जिलों में तकनीशियनों की तैनाती सुनिश्चित कराई जाए.
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लापरवाही संक्रमण को फिर बढ़ा सकती है
प्रदेश में कोविड संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है. स्थिति सामान्य हो रही है, लेकिन हमें यह समझना होगा कि वायरस कमजोर हुआ है, खत्म नहीं हुआ. संक्रमण कम हुआ है, पर जरा सी लापरवाही संक्रमण को फिर बढ़ा सकती है.
सभी लोग कोविड नियमों का पालन करें
सभी लोग मास्क, सैनिटाइजेशन, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे कोविड बचाव के व्यवहार को जीवनशैली में शामिल करें. बहुत जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें. भीड़ से बचें. पुलिस बल सक्रिय रहे.
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जिला अस्पताल और सीएचसी का करें निरीक्षण
सभी मेडिकल कॉलेजों में 100-100 बेड के पीआईसीयू स्थापित किये जाने की कार्यवाही तेजी से पूरी की जाए. इसके साथ 50 बेड का एनआईसीयू भी हों. इसी तरह जिला अस्पताल और सीएचसी स्तर पर भी मिनी पीकू स्थापित किए जा रहे हैं. प्रभारी मंत्रीगणों द्वारा इसका निरीक्षण किया जाए.
ब्लैक फंगस के मरीजों के इलाज के लिए सभी प्रबंध
ब्लैक फंगस के मरीजों के समुचित इलाज के लिए सभी प्रबन्ध किये गए हैं. इसके इलाज में उपयोगी मानी जा रहे एम्फोटेरेसिन-बी इंजेक्शन की आपूर्ति सुचारू कराई जा रही है. विशेषज्ञों ने जिन दो और दवाओं का भी विकल्प दिया है, इनकी उपलब्धता सुनिश्चित कराई गई है.
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