नई दिल्ली। भारत में दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर की चेतावनी जारी की गई है. इसके साथ ही तीसरी लहर को ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है. एसबीआई ने हालिया जारी अपनी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है कि, तीसरी लहर के गंभीर परिणाम हो सकते है.
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कोरोना की तीसरी लहर 98 दिनों तक रहेगी
एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि, जिन बड़े देशों में कोरोना की दूसरी लहर 108 दिनों तक थी उन देशों में कोरोना की तीसरी लहर 98 दिनों तक रहेगी. तीसरी लहर में दूसरी लहर के मुकाबले 1.8 गुणा अधिक केस आएंगे. जबकि दूसरी लहर में पहले के मुकाबले 5.2 गुणा अधिक केस आये थे.
दूसरी लहर से ज्यादा खतरनाक तीसरी लहर
वैज्ञानिकों का कहना है कि, तीसरी लहर दूसरी लहर से ज्यादा खतरनाक होगी. हालांकि यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि, कोरोना वायरस के खिलाफ बेहतर तैयारी के जरिये इससे होने वाले प्रभाव को कम किया जा सकता है. गंभीर मामलों में कमी लायी जा सकती है इससे मृत्यु दर में भी कमी आयेगी.
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वैक्सीनेशन से रोका जा सकता है मौत का आंकड़ा
रिपोर्ट में कहा गया है कि, स्वास्थ्य के लिए बेहतर आधारभूत संरचना और तेजी से वैक्सीनेशन करने पर गंभीर मामलों की संख्या को 20 प्रतिशत से 5 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है. इसके मुताबिक अगर वैक्सीनेशन हो जाए और स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर हो जाए तो दूसरी लहर में हुई 1.7 लाख मौत की तुलना में तीसरी लहर में मौत के आंकड़े को 40 हजार पर रोका जा सकता है.
बच्चों के लिए घातक तीसरी लहर
एसबीआई के मुताबिक, तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है. इसलिए वैक्सीनेशन पर जोर दिया गया है. उन्होंने कहा कि, प्राथमिकता के आधार पर बच्चों को भी कोरोना वैक्सीन दी जानी चाहिए. क्योंकि देश के 15-17 करोड़ बच्चे जो 12-18 आयु वर्ग के हैं वो कोरोना की तीसरी लहर से सबसे अधिक प्रभावित होंगे.
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