दिल्ली में कोरोना का गिरा ग्राफ : वीकेंड कर्फ्यू और ऑड-ईवन का नियम खत्म, 50 फीसदी क्षमता के साथ खुलेंगे ऑफिस और सिनेमा हॉल

द लीडर। कोरोना महामारी के देश में जहां रोजाना 2 लाख से ज्यादा केस आ रहे है. तो वहीं सरकार कोरोना के खात्मे को लेकर और लोगों की सुरक्षा को लेकर वैक्सीनेशन पर ज्यादा जोर दे रही है. वहीं कई राज्यों में तो पाबंदियां भी लगाई गई. लेकिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के घटते मामलों के बीच फैसला लिया गया है कि, अब वीकेंड कर्फ्यू नहीं लगाया जाएगा.

खुलेंगे सिनेमा हॉल, शादी में शामिल हो सकेंगे 200 लोग

उपराज्यपाल अनिल बैजल की अगुवाई में दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में यह निर्णय लिया गया है. बताया गया कि, दुकानों को खोलने के लिए जारी ऑड-ईवन का नियम भी खत्म होगा. हालांकि नाईट कर्फ्यू जारी रहेगी.

DDMA की मीटिंग में कहा गया है कि, 50 प्रतिशत क्षमता के साथ सिनेमा हॉल खुलेंगे और शादी समारोह में भी 200 लोगों के शामिल होने पर छूट मिलेगी. इसके अलावा दिल्ली के सरकारी ऑफिस 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खुलेंगे. हालांकि शैक्षणिक संस्थान और स्कूल अभी बंद रहेंगे.

क्या है दिल्ली में कोरोना का हाल?

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि, दिल्ली में कोविड के स्थिति नियंत्रण में हैं. आज दिल्ली में कोविड के मामले 5000 से भी कम आने की संभावना है. उन्होंने कहा कि, पॉजिटिविटी दर भी 10% से कम रहने की उम्मीद है.


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आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में पिछले 24 घंटों में 7,498 नए कोरोना के मामले सामने आए। इसके साथ ही 11,164 ठीक हुए और 29 लोगों की मौत हुई है. इस दौरान केंद्र शासित प्रदेश में पॉजिटिविटी रेट 10.59% थी और एक्टिव केस 38,315 हैं.

13 दिनों के अंदर घटकर आधी रह गई एक्टिव मरीजों की संख्या

देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के एक्टिव मरीजों की संख्या पिछले 13 जनवरी को 94,160 पहुंचने के बाद मात्र 13 दिनों के भीतर घटकर आधी रह गई है. वहीं, कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में इलाज करा रहे मरीजों की संख्या आधी होने में 21 दिनों का समय लग गया था.

हालांकि कोरोना की तीसरी लहर में एक्टिव मरीजों की संख्या 13 जनवरी को बढ़कर 94,160 हो गई थी, जोकि बुधवार को कम होकर 39 हजार के नीचे आ गई. हालांकि, कोविड की दूसरी लहर के दौरान इलाज करा रहे मरीजों की संख्या 28 अप्रैल को बढ़कर 99,752 हो गई थी. जोकि 19 मई को कम होकर 45,047 रह गई थी.

स्कूल खोलने की उठ रही मांग

उधर 1,600 अभिभावकों ने स्कूल खोलने की मांग की है. उन्होंने डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को चिट्ठी भी दी है. अभिभावकों की मांग पर सिसोदिया ने कहा है ‘मैं उनकी मांगों से सहमत हूं. बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं होने पर हमने स्कूल बंद कर दिया लेकिन बहुत अधिक सावधानी अब हमारे बच्चों को नुकसान पहुंचा रही है. अगर हम अभी स्कूल नहीं खोलेंगे तो बच्चों की एक पीढ़ी पीछे छूट जाएगी.


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दरअसल, दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, अस्पतालों में इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में आ रही कमी उनकी आशा के अनुरूप है. वहीं, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में कम्युनिटी मेडिसिन विभाग की निदेशक प्रोफेसर नंदिनी शर्मा ने बताया कि, ऐसा ही अनुमान था. चूंकि कोरोना की तीसरी लहर में बढ़ोत्तरी तेजी से हुई थी.

ऐसे में कोविड के प्रसार को दिखाने वाली आर-नॉट वैल्यू करीब 4 थी, इसका अर्थ हैं कि व्यक्ति आगामी 2 दिनों के भीतर पूरे परिवार को संक्रमित करेगा. उन्होंने बताया कि रिकवरी भी तेजी से हो रही है. इंक्यूबेशन की अवधि कम हो गई है, महज दो से तीन दिन रह गयी है. इसलिए इलाज करा रहे केस में तेजी से कमी आई है.

ओमिक्रॉन की इंक्यूबेशन अवधि लगभग 3 दिनों की- विशेषज्ञ

खोजकर्ताओं के मुताबिक, कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की इंक्यूबेशन अवधि लगभग 3 दिनों की है, जबकि उसके डेल्टा स्वरूप की इंक्यूबेशन अवधि महज 4 दिनों की थी. वहीं, कोरोना वायरस के पुराने स्वरुपों की इंक्यूबेशन अवधि लगभग 5 दिनों की थी.

ऐसे में दिल्ली सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान कोरोना के बेहद कम मरीजों को अस्पताल में एडमिट करने की जरुरत पड़ रही है. हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि मौत के ज्यादातर मामलों में कोरोना वायरस से संक्रमण शुरुआती कारण नहीं है.


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indra yadav

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