धर्मांतरण मामला : असदुद्दीन ओवैसी बोले- इफ्तिखारुद्दीन ने कौन से कानून का उल्लंघन किया, वह मुस्लिम हैं इसलिए वायरल किया वीडियो

द लीडर। सोशल मीडिया पर वायरल हुए यूपी के वरिष्ठ आईएएस इफ्तिखारुद्दीन के वीडियो पर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बयान दिया है। बता दें कि, आईएएस इफ्तिखारुद्दीन का बचाव करते हुए ओवैसी ने कहा कि, मुस्लिम होने की वजह से पुराना वीडियो निकालकर आईएएस अधिकारी को परेशान किया है। दूसरी ओर, इस मामले की एसआईटी जांच में पता चला है कि 2015-16 का वह वायरल वीडियो कानपुर कमिश्नर बंगले का ही है।

विपक्ष भी मुस्लिमों के मामले में गूंगा बन जाता है

इफ्तिखारुद्दीन के बचाव में उतरे एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि, हमको यह लगता है कि, सरकार ने खुद ही अनऑफिशल तरीके से इस वीडियो को रिलीज करवाया। क्योंकि वह मुस्लिम तबके से आने वाले सीनियर रैंक के आईएएस अफसर हैं इसलिए उनको प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्हें टारगेट किया जा रहा है। आउट ऑफ कॉन्टेक्स्ट उसके मायने निकाले जा रहे हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि, 6 साल पुराने वीडियो को निकालकर जिस तरह जांच कराई जा रही है, उससे पता चलता है कि, सरकार मुस्लिम विरोधी है. विपक्ष भी मुस्लिमों के मामले में गूंगा बन जाता है।


यह भी पढ़ें: वाराणसी में तैयार हुआ देश का पहला VIP लाउंज : जानें फ्री कॉफी, वाई फाई सहित अन्य सुविधाएं


 

इफ्तिखारुद्दीन ने कौन से कानून का उल्लंघन किया

ओवैसी ने आगे कहा कि, हम सरकार से ये पूछना चाह रहे हैं चैलेंज कर रहा हूं कि भाई इफ्तिखारुद्दीन साहब ने कौन से कानून का उल्लंघन किया। ऑल इंडिया कंडक्ट रूल के सेक्शन-3 के मुताबिक तो उल्लंघन नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कई फैसलों में कहा है कि आईएएस या आईपीएस अफसर होगा तो उसके मूल अधिकार सरकार नहीं छीन सकती।

मुस्लिमों पर अत्याचार हुए, कभी एसआईटी नहीं बनी

इफ्तिखारुद्दीन मामले में ओवैसी ने कहा कि, अफसोस की बात है कि, मुस्लिमों पर अत्याचार के मामले होते हैं, कभी एसआईटी नहीं बनाई गई। कभी एडिशनल डीजी को उसकी जांच करने के लिए नहीं कहा गया। एक ऐसा वीडियो जो छह साल पुराना है, उसकी आप इंक्वायरी करा रहे हैं। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि, ये सरकार मुस्लिम विरोधी है और एक आईएएस अफसर को गैरजरूरी तरीके से निशाना बनाया जा रहा है।


यह भी पढ़ें:  सितंबर में हुई रिकॉर्ड बारिश से साफ हुई राजधानी दिल्ली की आबो हवा, इन राज्यों की एयर क्वालिटी भी अच्छी


 

वायरल वीडियो कमिश्नर बंगले का है

इफ्तिखारुद्दीन के वायरल वीडियो मामले में एसआईटी जांच का खुलासा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक वायरल वीडियो कानपुर कमिश्नर के बंगले का है। 2015 के जुलाई-अगस्त महीने का रमजान के दौरान का वीडियो है। कमिश्नर बंगले पर तैनात कर्मचारियों से पूछताछ में खुलासा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक कर्मचारियों ने इफ्तिखारुद्दीन पर कट्टरता का आरोप लगाया है। कर्मचारियों के मुताबिक आईएएस इफ्तिखारुद्दीन उन्हें देवी-देवताओं की तस्वीर नहीं लगाने देते थे साथ ही पूजा करने से रोकते थे।

इफ्तिखारुद्दीन पर धर्म परिवर्तन करवाने के गंभीर आरोप

गौरतलब है कि यूपी सड़क परिवहन निगम के चेयरमैन IAS इफ्तिखारुद्दीन पर सरकारी अधिकारी रहते हुए सरकारी आवास में धर्म परिवर्तन करवाने के बहुत गंभीर आरोप लगे हैं। वीडियो तब का बताया जा रहा है, जब वो कानपुर मंडल के कमिश्नर थे। और इसमें वो साफ तौर पर लोगों को इस्लाम कबूल करने के लिए उकसा रहे हैं और भड़का भी रहे हैं।


यह भी पढ़ें:  धर्मांतरण मामले में यूपी में गिरफ्तार मौलवियों की गिरफ्तारी का विरोध शुरू, मुस्लिम संगठनों ने किया प्रदर्शन


 

वायरल हुआ था वीडियो

इफ्तिखारुद्दीन पर आरोप है कि, वो जब कानपुर के कमिश्नर थे तो उन्होंने लोगों का धर्म परिवर्तन करवाया। ये भी आरोप है कि धर्म परिवर्तन की तकरीरें उनके सरकारी आवास में होती थीं। वायरल वीडियो में वो इस्लाम अपनाने के फायदे बता रहे हैं। वायरल वीडियो में IAS अधिकारी इस्लाम भड़काऊ तकरीर भी कर रहे हैं।

indra yadav

Related Posts

बरेली में केलाडांडी का माहौल जांचने पहुंचे डीएम-एसएसपी

द लीडर हिंदी: यूपी के ज़िला बरेली में जुमे के दिन जिस केलाडांडी गांव में मस्जिद बनाम विवादित स्थल का तनाज़ा खड़ा हुआ, वहां माहौल का जायज़ा लेने के लिए…

बरेली में बिना रंजिश क्यों क़त्ल किए गए सेना के रिटायर्ड माली

द लीडर हिंदी: यूपी के ज़िला बरेली में कैंट के मिलिट्री डेयरी फॉर्म के पास झोंपड़ीनुमा कमरा बनाकर रहने वाले बुज़ुर्ग रिटायर्ड माली की लाश मिली है. तब जबकि उन्हें…