द लीडर : सुप्रीमकोर्ट में यूपी सरकार के मुक़दमों की पैरवी के लिए जिन चार वकीलों को सीनियर पैनल में नियुक्त किया गया था. उनकी नियुक्ति स्थगित हो गई है. नियुक्ति के छठे दिन राज्य सरकार ने स्थगन एक और आदेश जारी कर दिया है. दरअसल, वरिष्ठ अधिवक्ता पैनल में एडवोकेट श्रीयस यू ललित का नाम भी शामिल था, जो मौजूदा चीफ़ जस्टिस ऑफ इंडिया यूयू ललित के बेटे हैं. सुप्रीमकोर्ट में श्रीयस की नियुक्ति का आदेश सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर एक बहस छिड़ गई थी. और कई लोग सवाल भी उठा रहे थे. (Chief Justice Of India)
सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस यूयू ललित के बच्चे की सीनियर एडवोकेट पैनल में नियुक्ति का यूपी सरकार का आदेश और नियुक्ति रुकने का आदेश। दोनों फ़ैसले यूपी सरकार के हैं। मैंने कुछ नहीं किया। मेरी तरफ़ ग़ुस्से से मत देखिए। pic.twitter.com/F7UP9qav9E
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) September 27, 2022
यूपी सरकार ने एडवोकेट श्रीयस यू ललित के अलावा, एडवोकेट नमित सक्सेना, प्रीति गोयल और यथार्थ कांत यूपी सरकार के वकीलों के पैनल में शामिल थे. बाक़ी नामों पर उतना विवाद नहीं उठा, लेकिन श्रीयस को लेकर लगातार मामला तूल पकड़ता रहा.
यूपी सरकार में विशेष सचिव निकुंज मित्तल ने 26 सितंबर को नियुक्ति स्थगन का आदेश जारी किया है. इसमें कहा है कि, राज्यपाल ने अग्रिम आदेशों तक, नियुक्ति आदेश को स्थगित किए जाने की अनुमति दी है. (Chief Justice Of India)
श्रीयस अभी दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं. वह इंजीनियरिंग में बैचलर हैं. आईआईटी गुवाहटी से बीटेक किया है. इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी और कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से एलएलएम. कैंब्रिज में पढ़ाई के दरम्यान वह कैंब्रिज इंटरनेशल लॉ जनरल के एडिटर रहे हैं और उन्हें पैगासस स्कॉलरशिप अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है.