द लीडर हिंदी : उग्र किसान आंदोलन को देखते हुए देश की सभी पार्टियां के निशाने पर दिल्ली की केंद्र सरकार आ चुकी है. लोकसभा चुनाव करीब है ऐसे में किसानों की लंलकार 2024 बीजेपी सरकार की जीत के रास्ते में रोड़े डाल सकती है. आंदोलन को लेकर पक्ष प्रतिपक्ष बीजेपी सरकार पर हमलावर हो रहा है. इसी फेहरिस्त में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार भी शामिल हो गए है. उन्होंने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है.
शरद पवार ने कहा कि देश तानाशाही की तरफ बढ़ रहा है. उन्होंने चिंता जताई कि भारत धीरे-धीरे पाकिस्तान जैसा न हो जाए. राज्य में गोलियां चल रही हैं, यह संविधान की हत्या नहीं तो क्या है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार के अध्यक्ष शरद पवार सोमवार को उल्हासनगर में थे. इस दौरान शरद पवार ने केंद्र सरकार पर जमकर वार किया. शरद पवार ने आगे कहा कि आज की सरकार उन लोगों की आलोचना कर रही है, जिन्होंने संविधान का निर्माण किया है.
उन्होंने कहा कि देश और राज्य में संविधान की हत्या हो रही है. ऐसे में सबका एकजुट होना आवश्यक है. उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि भारत धीरे-धीरे पाकिस्तान जैसा न हो जाए। राज्य में गोलियां चल रही हैं, यह संविधान की हत्या ही तो है.बता दें ठाणे जिले के उल्हासनगर में ‘एल्गार परिषद’ की सभा को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा कि संविधान प्रदत्त नागरिकों के अधिकारों पर हमला हो रहा है. इससे देश के लोकतांत्रिक ताने-बाने को काफी खतरा है. इस दौरान पवार ने कहा कि संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणियां स्तरहीन थीं. उन्होंने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और संविधान निर्माता बाबासाहेब आंबेडकर को निशाना बनाए जाने की आलोचना की.
प्रधानमंत्री के भाषण पर पवार का हमला
इस दौरान शरद पवार ने कहा कि दो दिन पहले संसद में हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण सुना. पूरे भाषण में उन्होंने पंडित जवाहरलाल नेहरू की आलोचना की और उन पर हमला किया, जिन्होंने आजादी से पहले छह से सात साल जेल में बिताए थे. आजादी के बाद उन्होंने डॉ आंबेडकर को साथ लेकर एक लोकतांत्रिक देश का निर्माण किया. यह हमला उस व्यक्ति की नीतियों और निर्णयों पर किया गया था.
शरद पवार यही नहीं रूके इस दौरान उन्होंने कहा केंद्र संविधान को कमजोर करना चाहता है. इस तरह के हमले केवल व्यक्तियों को निशाना नहीं बनाते, बल्कि इन महान व्यक्तियों के निर्धारित मूलभूत मूल्यों और सिद्धांतों को व्यापक रूप से निशाना बनाते हैं. इस हमले का मकसद बाबासाहेब आंबेडकर के दिए संविधान को कमजोर करना है फिलहाल,प्रधानमंत्री और उनके सहयोगी यह काम कर रहे हैं.