द लीडर। बिहार में पप्पू यादव ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि, बीपीएससी पेपर लीक को दबाया जा रहा है. कोचिंग माफिया और अधिकारियों की मिलीभगत से यह किया जा रहा है. 67वीं बीपीएससी परीक्षा में पेपर लीक मामले की जांच ईओयू कर रही है.
हालांकि अब तक इस बात का पता नहीं चला है कि, पेपर लीक कहां से हुई है. इधर, शनिवार को जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव ने इस मामले को भटकाने की बात कही है. पप्पू यादव ने तेजस्वी यादव पर गंभीर आरोप लगाया है.
विपक्ष और सरकार दोनों मुद्दों को भटकाने का काम कर रहे
पप्पू यादव ने कहा कि, विपक्ष और सरकार दोनों मिलकर जनता के हित के मुद्दों को भटकाने का काम कर रही है. जातीय जनगणना अभी कोई मुद्दा नहीं है. इसके बावजूद इसे इवेंट बनाया जा रहा है.
यह भी पढ़ें: कोरोना महामारी के बीच ‘Tomato Flu’ का कहर : केरल में अब तक 82 बच्चे बीमार, जानिए क्या है इसके लक्षण ?
बीपीसीएसी पेपर लीक मामले को इसके जरिए दबाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि, लालू यादव हमेशा मनमोहन सिंह की सरकार में किंग मेकर की भूमिका में रहे. 15 सालों तक लालू यादव की सरकार बिहार में थी तो उन्होंने जाति जनगणना क्यों नहीं कराई?
जातीय जनगणना के लिए बिहार वासियों को गुमराह कर रहे ?
पप्पू यादव ने कहा कि, नीतीश कुमार ने जब बोल दिया है कि, वो जाति जनगणना कराएंगे तो फिर तेजस्वी यादव जनता को गुमराह करने के लिए पैदल मार्च और मुख्यमंत्री से मिलने का बहाना क्यों करते हैं? वो जातीय जनगणना के लिए बिहार वासियों को गुमराह कर रहे हैं.
अगर वो सच में चाहते हैं कि, जातीय जनगणना के आधार पर आरक्षण मिले तो सबसे पहले वो अपने पार्टी में अत्यधिक संख्या में पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज से आने वाले लोगों को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करें.
पप्पू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को घेरते हुए कहा कि, जातीय जनगणना, विशेष राज्य दर्जा ये सब अंतिम कार्ड है. नीतीश कुमार भी अटल की सरकार में और वीपी सिंह की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे थे. उस समय विशेष राज्य का दर्जा और जातीय जनगणना की जरूरत नहीं थी?
दोषियों को बचाने की चल रही तैयारी
बीपीएससी पेपर लीक मामले में पप्पू यादव ने आरोप लगाया कि कोचिंग माफिया और अधिकारियों की मिलीभगत से बिहार के युवाओं का करियर बर्बाद हो रहा है. बिहार के नौजवानों के अंदर गुस्सा है. सरकारी पदों पर बहाली के लिए करोड़ों रुपये की बोली लगाई जाती है.
बीडीओ, प्रिंसिपल यह सब दागी हैं. अगर दागी थे तो बीपीएससी परीक्षा में उनकी ड्यूटी क्यों लगाई गई? बड़ी मछलियों को बचाया जा रहा है और छोटी मछलियों को आगे करके गिरफ्तार कर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की जा रही है.
सीबीआई से कराई जाए जांच
पप्पू यादव ने कहा कि, हाई कोर्ट की देखरेख में सीबीआई से इस मामले की जांच कराई जाए. उन्होंने विश्वेश्वरैया भवन में आग लगने की घटना पर भी सवाल खड़ा किया. और कहा कि, आग लगना संभव है, लेकिन तीन दिन तक आग का नहीं बुझ पाना सवाल खड़ा करता है. बार-बार सरकारी भवनों में आग क्यों लगती है?
यह भी पढ़ें: कोरोना और यूक्रेन-रूस युद्ध नहीं होता तो हमारी अर्थव्यवस्था 4.3 ट्रिलियन डॉलर होती : रक्षामंत्री राजनाथ सिंह