द लीडर। यूपी में जहां चुनाव चल रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ हिंदू-मुसलमानों को लेकर राजनीति हो रही है। वहीं बिहार में भाजपा विधायक हरि भूषण ठाकुर ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। भाजपा विधायक हरि भूषण ठाकुर ने कहा कि, मुसलमानों से वोटिंग का अधिकार छीन लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि, मुसलमानों को 1947 में दूसरा देश मिल चुका है, वहीं चले जाएं। विधायक ठाकुर ने कहा कि, यहां रहेंगे तो दूसरे दर्जे का नागरिक बनकर रहना होगा।
इसके अलावा भाजपा विधायक ने मुसलमानों को मानवता का दुश्मन तक बता डाला और कहा कि, वह पूरी दुनिया को इस्लामिक स्टेट बनाना चाहते हैं। भाजपा विधायक ने यह जवाब एआईएमआईएम विधायकों की मांग पर दिया है।
धर्म के नाम पर 1947 में देश का विभाजन हुआ
गुरुवार को विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाजपा विधायक ने कहा कि, मेरा कहना है कि, 1947 में देश का विभाजन हुआ, धर्म के नाम पर। उन्हें दूसरा देश मिल गया। दूसरे देश में चले जाएं।
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अगर यहां रह रहे हैं तो मैं सरकार से मांग करता हूं कि उनके वोटिंग राइट को खत्म कर दिया जाए। वह दूसरे स्तर के नागरिक बनकर भारत में रह सकते हैं।
इसके अलावा भाजपा विधायक हरि भूषण ठाकुर ने कहा कि बिल्कुल अजेंडा है। आईएसआई का अजेंडा है। इस्लामिक स्टेट बनाने का अजेंडा है। अफगानिस्तान में क्या कर रहे हैं। पाकिस्तान को देखिये ये मानवता का दुश्मन है।
अल्पसंख्यक कौन, बहुसंख्यक कौन ?
वोटिंग राइट जरूर छीन लिया जाए। वे अल्पसंख्यक नहीं हैं। यह शब्द भारत के संविधान के साथ मजाक है, क्योंकि प्रस्तावना में लिखा है कि हम भारत के लोग, फिर अल्पसंख्यक कौन, बहुसंख्यक कौन।
एआईएमआईएम विधायकों की ओर से राष्ट्र गीत का विरोध किए जाने को लेकर उन्होंने कहा, जो नहीं गाएंगे, यह विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय को कोई नहीं मानता है तो उनकी सदस्यता को रद्द कर देना चाहिए।
राष्ट्रगीत में क्या है, जल की वंदना है, भूमि की वंदना है, वृक्ष की वंदना है, पुष्प की वंदना है, यदि यह नहीं करेंगे तो पानी नहीं पिएं। उन लोगों का अजेंडा है। हमारा देश है तो हम अपना अजेंडा नहीं चलाएंगे। उनको तो देश दे दिया गया है। उनका अजेंडा है संपूर्ण विश्व को इस्लामिक स्टेट बनाना।
बिहार बीजेपी विधायक हरि भूषण ठाकुर बचौल का कहना है मुसलमानों से वोटिंग अधिकार वापस ले लेना चाहिए,उनको अलग देश 1947 में मिल चुका है। pic.twitter.com/qYiHYrFsxl
— Mukesh singh (@Mukesh_Journo) February 24, 2022
इससे पहले, अख्तरुल इमाम ने दावा किया था कि, वह और एआईएमआईएम के अन्य सदस्य विशेष रूप से बिहार विधानसभा और विधान परिषद में किसी भी सार्वजनिक मंच पर राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम नहीं गाएंगे। परंपरा के अनुसार, बिहार विधानसभा सत्र शुरू होने पर और खत्म होने से पहले वंदे मातरम और राष्ट्रगान गाया जाता है।
वंदे मातरम गाने से ऐतराज
इमाम ने कहा कि उन्हें वंदे मातरम गाने से ऐतराज है कि, मुझे राष्ट्रगान गाने में कोई आपत्ति नहीं है लेकिन मुझे वंदे मातरम (राष्ट्रीय गीत) कहने या गाने में आपत्ति है।
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वंदे मातरम के बजाय, मैं खुशी-खुशी “मदार-ए-वतन” कहूंगा। “वंदे मातरम एक भूमि के टुकड़े और अन्य चीजों की पूजा करने का आभास देता है, जिसकी इस्लाम में अनुमति नहीं है।
इसलिए, हम इसे किसी भी मंच पर गाने से इनकार करते हैं। बिहार में एनडीए सरकार बहुमत में है। वे वापस लेने का निर्णय ले सकते हैं। वे विधानसभा की कार्यवाही से राष्ट्रीय गीत को वापस लेने का निर्णय ले सकते हैं। उन्हें भारत के लोकतंत्र का प्रदर्शन करने के लिए हर जाति और धर्म का सम्मान करना चाहिए।”
देश में मुस्लिम अल्पसंख्यक होने से किया इनकार
हरिशंकर ठाकुर ने देश में मुस्लिम अल्पसंख्यक होने से भी इनकार किया और कहा कि संविधान में अल्पसंख्यक जैसा कोई शब्द ही नहीं है।
अख्तरुल ईमान ने कहा था कि, बिहार विधानसभा का सत्र 25 फरवरी से शुरू हो रहा है और सत्र के दौरान उनकी पार्टी का कोई भी विधायक वंदे मातरम नहीं गाएगा।
परंपरा के अनुसार, बिहार विधानसभा का सत्र राष्ट्रगान (जन गण मन) से शुरू होता है और वंदे मातरम के साथ समाप्त होता है।
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