द लीडर हिंदी : बिलकिस बानो मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट जा पहुंचा है.11 में से तीन दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. बता दें कि दोषियों ने सरेंडर करने के लिए समय मांगा है. बृहस्पतिवार को गुजरात में 2002 के दंगों के दौरान बिलकीस बानो से सामूहिक दुष्कर्म और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले के तीन दोषियों ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल करके आत्मसमर्पण के लिए और भी वक्त दिए जाने का गुज़ारिश की है.
बता दें कि रमेश रूपाभाई चंदना ने अपने बेटे की शादी करनी और दूसरी जिम्मेदारियों को लेकर समय मांगा है तो मितेश चिमनलाल भट ने सर्दियों की उपज की कटाई की बात कही है. वही दोषियों के वकील द्वारा तत्काल सुनवाई के लिए उनकी याचिका का उल्लेख करने के बाद सुप्रीम कोर्ट उनकी याचिका पर सहमत हुआ है क्योंकि आत्मसमर्पण करने का समय 21 जनवरी को समाप्त हो रहा है. बिलकिस बानो से सामूहिक दुष्कर्म और 14 लोगों की हत्या के मामले में 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा मिली थी.
लेकिन गुजरात सरकार ने सभी दोषियों को 15 साल की सजा काटने के बाद रिहा कर दिया. गुजरात सरकार की माफी नीति के अनुसार सभी दोषियों को रिहा कर दिया गया, जिसके खिलाफ बिलकिस बानो ने समीक्षा याचिका दायर की थी.इस मामले पर न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ के समक्ष और वक्त दिए जाने संबंधी मामले का उल्लेख किया गया.इस पर पीठ ने रजिस्ट्री को याचिका प्रधान न्यायाधीश के समक्ष पेश करने को कहा.
पीठ ने कहा, ‘‘तीन प्रतिवादियों की ओर से यह कहा गया है कि आत्मसमर्पण करने और जेल जाने के लिए समय बढ़ाने संबंधी अर्जियां दाखिल की गई हैं.पीठ का पुनर्गठन किया जाना है और क्योंकि रविवार को समय समाप्त हो रहा है इसलिए रजिस्ट्री को पीठ के पुनर्गठन के लिए प्रधान न्यायाधीश से आदेश लेने की जरूरत है.