द लीडर हिंदी : उत्तर प्रदेश के ज़िला बरेली में सहायक चकंबदी अधिकारी और लेखपाल को गिरफ़्तार कर लिया गया है. दोनों ने मिलकर ग्राम समाज की 400 बीघा ज़मीन पर बड़ा खेल किया था. फ़र्ज़ी दस्तावेज़ के आधार पर यह ज़मीन कुछ लोगों के नाम कर दी गई. उसके बाद उन्हें फ़र्ज़ी तरीक़े से खतौनी भी जारी कर दी.बता दें इस पर दाख़िल ख़ारिज भी करा लिया गया. लेकिन मामला जब डीएम रविंद्र कुमार तक पहुंचना तो ऐसा करने वाले मुसीबत में फंस गए.
एडीएम सिटी सौरभ दूबे की अध्यक्षता में कमेटी गठित हो गई. और खेल खुल गया. सहायक चकबंदी अधिकारी सुनील कुमार और चकबंदी लेखपाल रामवीर सिंह पर मुक़दमा 20 अक्टूबर को ही दर्ज हो गया था. दोनों हाईकोर्ट चले गए पर वहां से राहत नहीं मिली. इस बीच कोर्ट से दोनों के ख़िलाफ़ ग़ैर ज़मानती वारंट भी जारी हो गया था.
वही अब मीरगंज आकर पुलिस ने दोनों को गिरफ़्तार कर लिया है. जिस 400 बीघा ज़मीन को अनाधिकृत व्यक्तियों के नाम किया गया था, वो तहसील के गांव मुहम्मदगंज एतमाली में है. अहम बात यह कि ज़मीन पर किया गया फ़र्ज़ीवाड़ा चकबंदी अधिकारी की जांच में पहले ही सामने आ गया था. लेकिन उसे दबा दिया गया. लेकिन अब डीएम रविंद्र कुमार के संज्ञान लेने से सरकारी ज़मीन को खुर्द-बुर्द कराने का प्रयास करने वालों के जेल जाने का रास्ता साफ हो गया.
बता दें 400 बीघा सरकारी जमीन की फर्जी खतौनी बनाकर बेचने के आरोपी सहायक चकबंदी अधिकारी सुनील कुमार व चकबंदी लेखपाल रामवीर सिंह को मीरगंज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. उनके खिलाफ पिछले दिनों गैर जमानती वारंट कोर्ट से जारी हुए थे. डीएम रविंद्र कुमार दोनों को पहले ही सस्पेंड कर चुके हैं.
बता दें आरोपी सुनील सुभाषनगर के मुहल्ला सर्वोदय नगर व रामवीर बदायूं रोड गुरुद्वारा स्थित गंगानगर कालोनी का है. अक्टूबर 2023 में डीएम रविंद्र कुमार से मामले में शिकायत हुई थी. आरोप था कि मीरगंज के मोहम्मदगंज ऐतमाली गांव के सहायक चकबंदी अधिकारी (एसीओ) सुनील कुमार ने चकबंदी नियमों की अनदेखी कर ग्राम सभा की 400 बीघा जमीन अनाधिकृत रूप से दूसरे व्यक्तियों के नाम कर दी. डीएम ने एडीएम सिटी सौरभ दूबे की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की थी.