द लीडर : उत्तर प्रदेश शिया वक़्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिज़वी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के ख़िलाफ बरेली के बशीर बेग ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दाख़िल की है. जो पैगंबर-ए-इस्लाम पर लिखी विवादित किताब और इस्लाम पर की गई टिप्पणियों को लेकर है. जिसमें कहा गया कि उनकी किताब और बयानों से समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची है. लिहाजा इस पर प्रतिबंध लगाया जाए. (Waseem Rizvi High Court)
वसीम रिज़वी अभी जेल में हैं. पिछले साल उन्होंने पैगंबर-ए-इस्लाम को लेकर एक क़िताब लिखी थी. उसमें अर्मादित भाषा का इस्तेमाल करते हुए तमाम तरह के लालछन लगाए थे.
जिसकी पूरे मुस्लिम समुदाय ने कड़ी आलोचना की थी. और रिज़वी के ख़िलाफ सख़्त कार्रवाई की आवाज़ उठाई थी. इस मामले में पहले भी कुछ लोगों ने कोर्ट का रुख किया है. (Waseem Rizvi High Court)
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इस बीच पिछले साल दिसंबर माह में ही हरिद्वार में एक धर्म संसद हुई थी. जिसमें मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ हिंसक आह्वान किया गया था. इस मामले में वसीम रिज़वी को गिरफ्तार किया गया. तब से वह जेल में है. उनकी ज़मानत याचिका भी ख़ारिज हो चुकी है.
सनद रहे कि इस्लाम, कुरान और पैगंबर-ए-इस्लाम के ख़िलाफ लगातार गलतबयानी करने वाले रिज़वी ने पिछले साल ही धर्म परिवर्तन कर लिया था. गाज़ियाबाद के डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की मौजूदगी में वह सनातन धर्म में शामिल हुए थे. उनका नया नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी है.
मूलरूप से लखनऊ के रहने वाले रिज़वी पिछले साल तक शिया वक़्फ बोर्ड के सदस्य भी रहे हैं. धर्म परिवर्तन के बाद उन्होंने बोर्ड की सदस्यता त्याग दी या यूं कहें कि उनकी सदस्यता खुद की खत्म हो गई है. (Waseem Rizvi High Court)
जेल जाने से पहले अपने विवादित बयानों को लेकर लगातार सुर्खियों में बने रिज़वी की ग़लतबयानी पर अदालत से रोक की मांग की गई थी. हालांकि उनके जेल जाने के बाद से ये सिलसिला थमा है.