द लीडर हिंदी : यूपी के ज़िला बरेली में 14 साल पहले दंगे से जुड़े मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान के मामले की सुनवाई अब एडीजे फॉस्ट ट्रैक कोर्ट रवि कुमार दिवाकर नहीं करेंगे. ज़िला जज विनोद कुमार ने फ़ैसला सुना दिया है. यह वही मामला है, जिसमें मौलाना को 27 मार्च को कोर्ट में पेश होना है. बतादें अब से पहले तक इस चर्चित केस की सुनवाई एडीजे फॉस्ट ट्रैक कोर्ट रवि कुमार दिवाकर कर रहे थे.
उनकी कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेने के बाद आल इंडिया इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान को पहले समन और फिर हाज़िर नहीं होने पर दो मर्तबा ग़ैर ज़मानती वारंट NBW जारी किया था. इस कोर्ट से केस ट्रांसफर कराने के लिए दंगे के एक अन्य आरोपी शाहरुख़ की तरफ से अर्ज़ी दाख़िल की गई थी. इस पर एप्लीकेंट की तरफ से हाईकोर्ट के अधिवक्ता आशीष कुमार सिंह ने दो तारीख़ों पर बहस की. केस ट्रांसफर के पक्ष में कई तर्क रखे.
वही ज़िला जज विनोद कुमार ने 2010 कं दंगे से जुड़े केस को सुनवाई के लिए रोक लिया है. अब वो इस मुक़दमे में ख़ुद सुनवाई करेंगे. इसी के साथ तय हो गया कि मौलाना तौक़ीर रज़ा ख़ान को एडीजे फॉस्ट ट्रैक रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट में पेश नहीं होना होगा. हाईकोर्ट ने मौलाना को होली के त्योहार तक मोहलत देते हुए 27 मार्च को पेश होने के लिए कहा है. अब यह पेशी ज़िला जज की कोर्ट में होगी. इसे देखते हुए दंगे के इस बेहद चर्चित मामले में 27 मार्च का दिन बहुत अहम हो गया है. हाईकोर्ट ने मौलाना तौरीर रज़ा को होली तक की मोहलत दी है. इस मामले पर अब क्या होगा, उसके लिए 5 पांच दिन इंतज़ार करते हैं.