द लीडर : असम के नाजिरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लोगों से आह्वान किया कि वे अपनी संस्कृति, धरती और संपत्ति की रक्षा स्वयं करें. चुनाव के वक्त नेताओं के खोखले वादों के भ्रम में कतई न फंसे. कांग्रेस घोषणा पत्र की पांच गारंटियों को गिनवाते हुए उन्होंने कहा कि ये कोई खोखला वादा नहीं है. कांग्रेस पार्टी ने आपके मन की बातों को घोषणा पत्र में शामिल किया है और सरकार बनने पर उसे हर हाल में पूरा किया जाएगा. ये कांग्रेस की गारंटी है. (Assam Culture Priyanka Gandhi)
प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक भाषण का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें 22 साल की लड़की के ट्वीट पर दुख होता है, लेकिन आपकी तकलीफों पर नहीं. नागरिकता संशोधन कानून (CAA)के वक्त जब असम जल रहा था, तब उन्हें दुख नहीं हुआ. बोलीं, असम में न ढंग की चिकित्सा है न शौचालय की व्यवस्था. इतनी सारी समस्याएं हैं, जो नेताओं को केवल चुनाव के वक्त याद आती हैं और वे दुख जताने चले आते हैं.
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प्रियंका गांधी ने कहा कि जो महिलाएं चाय के बागानों में दिनभर मजदूरी करती हैं. अपनी गृहस्थी संभालती, बाहर का काम भी करती हैं. वे महिलाएं असम की मां हैं, बेटिया हैं और असमियां संस्कृति की पहरेदार हैं.
कांग्रेस के घोषणा पत्र के पांच वादे
- चाय के बागानों में काम करने वाले मजदूरों को प्रतिदिन 365 रुपये की दिहाड़ी दी जाएगी.
- घरेलू महिलाओं को हर महीने 2000 रुपये का भत्ता दिया जाएगा.
- कांग्रेस की सरकार बनने पर सीएए लागू नहीं होगा.
- पांच लाख सरकारी नौकरियां दी जाएंगी.
- हर घर में 200 यूनिट बिजली मुफ्ती की जाएगी.
चाय बागानों में जाकर महिलओं से मिली थीं प्रियंका गांधी
असम की 126 विधानसभा सीटों पर 27 मार्च से 16 अप्रैल तक तीन चरणों में मतदान होगा. राहुल गांधी समेत कांग्रेस के अन्य नेता असम में जनसभाएं कर रहे हैं. कांग्रेस के एजेंडे में महिलाएं शीर्ष पर हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए प्रियंका गांधी पहले से असम में सक्रिय हो गई थीं.
चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले उन्होंने चाय बागानों में जाकर महिलाओं से मुलाकात की थी और उनकी समस्याओं को समझने का प्रयास किया था. प्रियंका के असम में भ्रमण का असर कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र में नजर आ रहा है.