द लीडर हिंदी: 2024 चुनाव को लेकर राजनीतिक गलियारों में काफी गहमा-गहमी देखने को मिल रही है. सत्ता दल को विपक्ष कड़ी टक्कर देने के लिये पुरजोर कोशिश कर रहा है. वो हर हथकंडे आजमा रहा है लोकसभा चुनाव में अपनी जीत का परचम लहराने के लिये. जिसका अंदाजा आप ऐसे लगा सकते है.
बता दें देश की राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस गठबंधन करके लोकसभा चुनाव लड़ सकती है. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में सीट बंटवारे पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच बातचीत जारी है.
आप और कांग्रेस दिल्ली के लिए चार और तीन के फॉर्मूले पर काम कर रहे हैं तो वहीं, उत्तर प्रदेश में सपा के साथ गठबंधन किया जा सकता है. उत्तर प्रदेश में सीट बंटवारे पर आखिरी फैसला कांग्रेस और सपा दोनों के शीर्ष नेतृत्व की बातचीत के बाद लिया जाएगा.कांग्रेस सूत्रों के मुताबीक, अब तक यूपी में कांग्रेस पार्टी के लिए 13 सीटें चिन्हित की जा चुकी हैं. इससे पहले सपा ने लोकसभा चुनाव के लिए 16 प्रत्याशियों की अपनी पहली सूची जारी कर चुकी है.
इसमें डिंपल यादव समेत तीन प्रत्याशी परिवार के हैं, जबकि चार कुर्मी और एक मुस्लिम प्रत्याशी हैं. सांसद डिंपल यादव को फिर से मैनपुरी और शफीकुर्रहमान बर्क को संभल से प्रत्याशी बनाया गया है.वही फैजाबाद अनारक्षित सीट हैं, पर यहां से पूर्व मंत्री व नौ बार के विधायक अनुसूचित जाति के अवधेश प्रसाद को उतारा गया है.
क्षत्रिय एक और मौर्य व खत्री दो-दो प्रत्याशी हैं. बता दें लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे पर जल्द बड़ा फैसला हो सकता है. दिल्ली में दोनों पार्टी के शीर्ष नेताओं की बैठक हो रही है.वही माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद फैसला जल्द हो सकता है.
मौजूदा सरकार को घेरने की तैयारी
विपक्षी गठबंधन की तैयारी भाजपा को घेरने की है. बता दे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पहले से लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर रहे हैं.वो ट्वीट के जरिये अपना पक्ष रख चूके है. वही उनकी कोशिश उम्मीदवारों को अपनी पकड़ क्षेत्र में बढ़ाने की है.
बीजेपी को यूपी में कड़ी टक्कर देने के लिए सपा मजबूत उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है. माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी 60 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ेगी. वहीं, 13 सीटों पर कांग्रेस और 7 सीटों पर राष्ट्रीय लोक दल के उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतर सकते हैं.ऐसे में विपक्ष को काफी होशियारी के साथ कदम उठाना पड़ेगा एक भी दाव अगर लगत लगा तो भारी नुकसान हो सकता है