द लीडर : अली जैदी उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन चुने गए हैं. सोमवार को हुए चुनाव में बोर्ड के 8 में से 6 सदस्यों ने उनके पक्ष में वोट किया है. 15 साल से बोर्ड के अध्यक्ष पद पर वसीम रिजवी का कब्जा था, जिन्हें अली जैदी ने रिप्लेस किया है. इस चुनाव को मौलाना कल्बे जवाद और वसीम रिजवी के बीच वर्चस्व की जंग के तौर पर देखा जा रहा था. (Ali Zaidi Chairman Shia Waqf Board)
यूपी अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहसिन रजा ने अली जैदी को चेयरमैन नियुक्त होने की मुबारकबाद दी है. उन्होंने अली जैदी की जीत को भाजपा की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस की नीति बताया है.
अली जैदी के चेयरमैन बनने पर वसीम रिजवी की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने जैदी की जीत को शिया वक्फ बोर्ड पर तालिबानी तरीके से कब्जा करार दिया है. रिजवी ने कहा कि इसको लेकर मामला कोर्ट में है. लेकिन पहले ही यहां अध्यक्ष चुन लिया गया. बोर्ड पर मुल्लों ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सहयोग से कब्जा किया है.
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रिजवी ने कहा कि अली जैदी कल्बे जवाद के दामद हैं, जिन्हें सरकार ने बोर्ड का सदस्य नामित किया था. इस मामले में अदालत के फैसले का इंतजार कर रहे हैं. (Ali Zaidi Chairman Shia Waqf Board)
शिया वक्फ बोर्ड का अध्यक्ष रहते हुए वसीम रिजवी के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगते रहे हैं. इस मामले में उनके खिलाफ शिकायतें भी दर्ज हुई हैं. शिया वक्फ बोर्ड काफी दौलतमंद है. इसकी 8 हजार संपत्तियों की कीमत कोई 75 लाख करोड़ के आसपास आंकी जा रही है.
वसीम रिजवी बोर्ड का अध्यक्ष रहते हुए ही इस्लाम और मुसलमानों के खिलाफ आपत्तिजनक बयानबाजी पर उतर आए थे. पिछले साल तो उन्होंने कुरान की 26 आयतों को आतंक को बढ़ावा देने का दावा करके सुप्रीमकोर्ट में याचिका तक दायर कर दी थी.
हाल ही में वो पैगंबर-ए-इस्लाम के किरदार पर किताब लिखकर विवादों में हैं. और मुस्लिम समाज से रिजवी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है. (Ali Zaidi Chairman Shia Waqf Board)