लखनऊ।पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश और केंद्र की एक सरकार पर तंज कसा है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार का डबल इंजन 8 वर्षों से यार्ड में ही खड़ा है। राज्य सरकार के 4 वर्ष और इसी अवधि में केंद्र के 4 वर्षों में डबल इंजन टस से मस नहीं हुआ। विकास योजनाएं प्लेटफार्म पर इंतजार में हैं। कोई पूछने वाला नहीं। भाजपा सरकार अधिकारियों की शंटिग करती रहती है। जब कुछ करना नहीं होता तो भाजपा को अधिकारी-अधिकारी खेलना ही भाता है।
सपा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है पश्चिम बंगाल में काम कर रहे अधिकारी को काम करने नहीं दिया जा रहा है। पश्चिम बंगाल में चुनी हुई सरकार के साथ चुनाव में करारी हार का बदला भाजपा निचले स्तर पर आकर ले रही है। यह लोकतंत्र के विरुद्ध भाजपा की साजिश है। भारी बहुमत में आई ममता सरकार को परेशान किया जा रहा है। एक छोटे मुद्दे को बेवजह प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाकर भाजपा ने अपनी किरकिरी कराई है।
अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में तो भाजपा को कुछ करना नहीं है। यहां सरकार अधिकारियों की सेटिंग में ही समय खपा रही है। कोरोना महामारी में चारों ओर हाहाकार के बीच प्रधानमंत्री वाराणसी मॉडल और मुख्यमंत्री गोरखपुर माडल की चर्चा में ही लगे रहे। उन्होंने कोरोना को भी प्रदेश में मॉडलिंग मंच बना दिया है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा बदले की भावना से प्रेरित होकर राज्यों के साथ जो व्यवहार कर रही है उसमें राज्यपालों की भूमिका विचारणीय है। कायदे से उत्तर प्रदेश हो या पश्चिम बंगाल, राज्यपालों की भूमिका संविधान की परिधि में ही होनी चाहिए पर ऐसा भाजपा राज में नहीं होता है। दोनो की कसौटियां भिन्न हैं।पश्चिम बंगाल में राज्यपाल अनावश्यक हस्तक्षेप करते रहते हैं जबकि उत्तर प्रदेश में राज्यपाल सिर्फ सलाहकार की भूमिका में हैं। यह अलग बात है कि चाहे कानून व्यवस्था की बदहाली हो या स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा अथवा कोरोना-फंगस से निपटने में घोर लापरवाही, यहां राज्यपाल या तो स्वतः अनभिज्ञ रहती हैं या फिर राज्य सरकार उनकी सलाहों को अहमियत नहीं देती है।