द लीडर : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामुपर से सांसद आजम खान को देखने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लखनऊ पहुंचे. जहां वे मेदांता अस्पताल गए. सोमवार को सीतापुर जेल में आजम खान की हालत बिगड़ गई थी. डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें दोबारा मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया है. (Azam Khan Akhilesh Yadav )
आजम खान की वायरल तस्वीरों से मुस्लिम समाज दहल गया है. तस्वीरों में उनकी हालत काफी गंभीर नजर आ रही है. बेहद कमजोर हो गए हैं. सोमवार को जब से आजम खान की तस्वीरें सामने आई हैं. उसके बाद से सोशल मीडिया पर उनकी रिहाई की मांग जो पकड़ रही है. और दुआओं की इल्तिजा की जा रही है.
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आजम खान मई महीने में तब बीमार हुए थे, जब संक्रमण चरम पर था. उनके बेटे अब्दुल्ला आजम भी संक्रमित हुए थे. उस वक्त दोनों को लखनऊ के मेदांता लाकर इलाज किया गया. पिछले सप्ताह ही आजम खान को मेदांता से सीतापुर जेल वापस शिफ्ट किया गया था. और फिर उनकी तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल लाया गया है.
आजम खान के पारिवारिक करीबियों के मुताबिक उनकी हालत काफी गंभीर है. दूसरी ओर डॉक्टरों ने कहा कि अस्पताल लाने के बाद से यह स्थिर है. दूसरी ओर सोशल मीडिया पर आजम खान की रिहाई को लेकर आवाज उठ रही है. मुस्लिम समाज का एक बड़ा वर्ग ट्वीटर पर लिख-बोल रहा है.
पिछले साल से जेल में बंद हैं आजम खान
आजम खान पिछले साल से जेल में बंद हैं. उन पर रामपुर में मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी की भूमि के बंदोवस्त में धांधली के आरोप हैं. इसको लेकर करीब 85 मामले दर्ज हैं.
आजम खान की बीवी डॉ. तजीन फातिमा के एक बयान के मुताबिक वह पहले से ही अस्वस्थ हैं. जेल में रहकर और बीमार हो गए. मुंह में अल्सर है. ठीक से खाना भी नहीं खा सकते.
उनके फेपड़ों में भी संक्रमण का असर पहुंचा था. जिससे लंबे स्वास्थ्य आराम की जरूरत है. इस सबके बीच उन्हें दोबारा जेल भेजे जाने के कारण ही हालत और गंभीर हो गई है.
संघर्षों के दम पर मुलायम के दिल में बनाई जगह
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई करने वाले आजम खान के लिए रामपुर में राजनीतिक जमीन बनाना आसान नहीं था. तब रामपुर की सियासत पर नवाब घराने का एकक्षत्र राज हुआ करता था.
लेकिन आजम खान ने उसी को चुनौती देना शुरू किया. और संघर्ष के दम पर अपनी जमीन तैयार की. जिसमें वे 9 बार विधायक बन चुके हैं और अभी वर्तमान में सांसद हैं.
आजम खान, सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबियों में शुमार हैं. या यूं कहें कि मुलायम सिंह भी आजम के संघर्ष पर फिदा रहे. और समाजवादी को मजबूत करके में जान लड़ाई दी.
इत्तेफाक देखिए कि एक तरफ आजम खान बीमार हैं तो दूसरी तरफ मुलायम सिंह यादव भी अस्वस्थ हैं. मुलायम सिंह गुड़गांव के मेदांता में हैं, जबकि आजम खान लखनऊ के मेदांता में.