द लीडर : बरेली-मुंबई की फ्लाइट के उड़ान भरते ही सिविल एविएशन मंत्रालय ने न्यूनतम और अधिकतम किराया वृद्धि तय कर दी है. सरकारी आदेश के आते ही एयरलाइंस कंपनियों ने मिनिमम 10 प्रतिशत और मैक्सिमम 13 प्रतिशत किराया वृद्धि कर दी है. यानी पहले से यात्रा खर्च न्यूनतम दस प्रतिशत महंगा हो गया है.
पिछले साल ही सरकार ने हवाई यात्रा किराये की एक सीमा तय की थी. लॉकडाउन के कारण सड़क मार्ग प्रभावित था. कंपनियों ने हवाई मार्ग का किराया बढ़ा रखा था. इसीलिए सरकार को किराये को नियंत्रित करना पड़ा.
चूंकि अब स्थितियां सामान्य हो रही हैं. और सभी यातायात सेवाएं सुचारू हो रही हैं. तो सरकार ने न्यूनतम और अधिकतम किराया वृद्धि निर्धारित की है. यानी विमानन कंपनियां कम से कम 10 प्रतिशत किराया बढ़ा सकेंगी और अधिकतम 13 प्रतिशत से ज्यादा वृद्धि नहीं होगी.
यात्रियों की जेब पर इतना पड़ेगा भार
किराया वृद्धि निर्धारण से यात्रियों का जेब खर्च बढ़ जाएगा. कितना, इसे ऐसे समझिए. 40 मिनट तक के हवाई सफर के लिए पहले जहां अधिकतम 7700 रुपये का किराया होता था. वो अब मैक्सिमम 8800 हो गया है. यानी 1100 रुपये बढ़ गए हैं.
इसी तरह 40 से 60 मिनट की यात्रा का अधिकतम किराया जहां 9500 रुपये होता था, वो अब बढ़कर 11000 हो गया है. ये अधिकतम किराया है, जो सेवाओं के आधार पर निर्भर हैं.
क्या रहेगा न्यूनतम किराया
एक घंटे के सफर के लिए पहले अब न्यूनतम किराया 4500 रुपये होगा. इसी तरह डेढ़ घंटे की यात्रा के लिए कम से कम किराया 4700 रुपये से बढ़ाकर 5300 रुपये हो गया है. दो से ढाई घंटे के सफर का किराया 6,100 रुपये के बजाय अब 6700 देना होगा.
विमानन कंपनियों के आंकड़ों के मुताबिक चालू अगस्त माह में मुसाफिरों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है. अकेले इसी माह में करीब 36 प्रतिशत यात्री बढ़े हैं.
तमाम विमानन कंपनियां ऐसी हैं, जो एडवांस टिकट बुकिंग पर भारी छूट देती हैं. मतलब, यात्रा से दो-ढाई महीने पहले टिकट बुक कराने पर इस छूट का फायदा लिया जा सकता है. जबकि तत्काल बुकिंग पर न्यूनतम किराया दरें भुगतान करनी पड़ेंगी.