द लीडर। बॉलीवुड को आज एक और बड़ी क्षति हुई है। ‘डिस्को किंग’ बप्पी दा हम सभी को अलविदा कहकर चले गए। बता दें कि, भारत रत्न ‘स्वर कोकिला’ लता मंगेशकर के निधन से अभी संगीत प्रेमी उबरे भी नहीं थे कि, सिनेमा जगत की एक और महान हस्ती विख्यात गायक और संगीतकार बप्पी लाहिड़ी का आज निधन हो गया।
बप्पी लाहिड़ी ने हिंदी और बंगाली सिनेमा की कई फिल्मों में शानदार संगीत दिया। नया कदम, वारदात, डिस्को डांसर, हथकड़ी, नमक हलाल, मास्टरजी, डांस डांस, हिम्मतवाला, जस्टिस चौधरी, तोहफा, मकसद, सैलाब, द डर्टी पिक्चर और शराबी आदि ढेरों हिंदी फिल्मों में उन्होने संगीत दिया था। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अनेक लोगों ने गहरा दुख व्यक्त किया है।
कई बीमारियों से ग्रसित थे बप्पी दा
गायक-संगीतकार बप्पी लाहिड़ी का मुंबई के एक अस्पताल में आज सुबह निधन हो गया, वह कई बीमारियों से ग्रसित थे। संगीतकार बप्पी लाहिड़ी 69 साल के थे, उनके परिवार में पत्नी चित्रानी लहरी और बेटी-गायिका रेमा लाहिड़ी बंसल और बेटा कृष लाहिड़ी है।
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बप्पी दा का जन्म पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में एक बंगाली ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता बंसुरी लाहिड़ी और अपरेश लाहिड़ी, दोनों शास्त्रीय संगीत के जानकार थे। महान गायक और अभिनेता किशोर कुमार उनके मामा थे।
पिछले साल हो गया था कोरोना
बप्पी लाहिड़ी को पिछले साल मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जब वह कोविड पॉजिटिव हो गए थे, हालांकि कुछ दिन बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था। रिकवर होने के बाद बप्पी दा को बेड रेस्ट के लिए कहा गया था और इसके बाद उनके घर में लिफ्ट के साथ व्हीलचेयर भी लगा दी गई थी जिससे उन्हें ज्यादा दिक्कत ना हो।
बप्पी लाहिड़ी का असली नाम अलोकेश लाहिड़ी है, लेकिन उन्हें इंडस्ट्री में बप्पी लाहिड़ी के नाम से जाना जाता है। वह सिंगर होने के साथ-साथ कम्पोजर, राजनेता और रिकॉर्ड प्रोड्यूसर भी थे। वह भारतीय सिनेमा में डिस्को म्यूजिक को एक अलग अंदाज के साथ लेकर आए थे।
2014 में राजनीति में भी उतरे थे बप्पी दा
लाहिड़ी संगीत क्षेत्र में जोरदार कामयाबी हासिल करने के बाद राजनीति में भी उतरे, हालांकि वह इसमें कामयाब नहीं रहे। वह 2014 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए, उन्हे 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) से पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया गया लेकिन उन्हे हार मिली।
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बप्पी लाहिड़ी की खास बात यह है कि, उन्होंने ना सिर्फ हिंदी बल्कि बंगाली, तमिल, तेलुगू और कन्नड़ भाषा में भी गाना गाया। पिछले दशक में, बप्पी लाहिड़ी ने द डर्टी पिक्चर से ऊ ला ला, गुंडे से तूने मारी एंट्री, बद्रीनाथ की दुल्हनिया से तम्मा तम्मा और शुभ मंगल ज्यादा सावधान से अरे प्यार कर ले जैसे गाने गाए। उन्होने आखिरी बार 2 साल पहले गाना कम्पोज किया था. फिल्म बागी 3 के लिए जो साल 2020 में रिलीज हुई थी।
फिल्म जख्मी से बप्पी दा के नाम को मिली थी पहचान
बप्पी लहिरी को संगीत की शुरुआती शिक्षा घर में ही मिली थी। अपने पिता के निर्देशन में उन्होंने तीन साल की आयु में ही तबला बजाना शुरू कर दिया था। वह 17 साल की उम्र से ही संगीतकार बनना चाहते थे। एसडी बर्मन उनकी प्रेरणा थे। वह बर्मन के गाने सुनकर रियाज करते थे। 80 के दशक में बप्पी ने बॉलीवुड को ‘डिस्को डांस’ से इंट्रोड्यूस करवाया था, ताहिर हुसैन की हिंदी फिल्म जख्मी से उनके नाम को पहचान मिली थी।
सोने के गहने पहनना बेहद पंसद था
बप्पी लहिरी को सोना पहनना और हमेशा चश्मा लगाकर रखना बेहद पसंद था। गले में सोने की मोटी-मोटी चेन और हाथ में बड़ी-बड़ी अंगूठियां समेत सोने के ढेर सारे गहने पहनना उनकी पहचान थी। बप्पी लहिरी को बॉलीवुड का पहला रॉक स्टार सिंगर भी कहा जाता है।
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