द लीडर : अफगानिस्तान के कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने मंगलवार को आरोप लगाया है कि तालिबान भोजन और ईंधन को उत्तरी बगलान प्रांत में अंदराब घाटी तक नहीं पहुंचने दे रहा है. मिलिशिया समूह पड़ोसी पंजशीर घाटी में प्रतिरोध बल के साथ एक घातक लड़ाई में लगा हुआ है.
सालेह ने ट्वीट कर कहा कि तालिबान बच्चों और बुजुर्गों काे अगवा कर रहा है. घर पर छापेमारी करते हुए उन्हें ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है.
“तालिबान भोजन और ईंधन को अंदराब घाटी में नहीं जाने दे रहे हैं. मानवीय स्थिति विकट है. हजारों महिलाएं और बच्चे पहाड़ों पर भाग गए हैं. पिछले दो दिनों से तालिबानी बच्चों और बुजुर्गों का अपहरण करते हैं और उनका इस्तेमाल ढाल के रूप में घूमने या घर की तलाशी करने के लिए करते हैं. सालेह ने सोमवार देर रात यह ट्वीट किया है.
Talibs aren't allowing food & fuel to get into Andarab valley. The humanitarian situation is dire. Thousands of women & children have fled to mountains. Since the last two days Talibs abduct children & elderly and use them as shields to move around or do house search.
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) August 23, 2021
बता दें कि सालेह अहमद मसूद के साथ पंजशीर घाटी से राष्ट्रीय प्रतिरोध मोर्चा का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसे तालिबान विरोधी गढ़ के रूप में जाना जाता है. अहमद मसूद तालिबान विरोधी कमांडर अहमद शाह मसूद का बेटा है.
उधर, तालिबान के एक प्रवक्ता ने दावा किया कि वह पंजशीर घाटी के पास हैं और उत्तरी अफगानिस्तान में तीन जिलों को वापस ले लिया है.
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उत्तरी प्रांत बागलान में बानो, देह सालेह, पुल ए-हेसर जिलों को पिछले हफ्ते इस्लामिक मिलिशिया समूह द्वारा तालिबान के सशस्त्र प्रतिरोध के पहले संकेतों में से एक में लिया गया था, जब से 15 अगस्त को राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया गया था.
प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद के ट्विटर अकाउंट के अनुसार, सोमवार तक तालिबान बलों ने तीन जिलों को साफ कर दिया था और पंजशीर घाटी के पास बदख्शां, तखर और अंदराब में स्थापित किया गया था.
उधर, दिवंगत मुजाहिदीन कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद के प्रति वफादार बलों ने पंजशीर गढ़ में खुद को स्थापित कर लिया है, जिसने 2001 से पहले सोवियत और तालिबान दोनों का विरोध किया था.