द लीडर : नबीरे आला हजरत मन्नान रज़ा खां (मन्नानी मियां) के बेटे इमरान रजा खां उर्फ समनानी मियां, बिहार के औरंगाबाद में एक सड़क हादसे में, गंभीर रूप से घायल हो गए थे. उनके सिर और शरीर के दूसरे हिस्से में गंभीर चोटें हैं. बनारस के सिंह अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है. जहां अब वह खतरे से बाहर हैं. और हालत पहले से थोड़ी बेहतर हो रही है. (Accident of Samnani Miyan )
मन्नानी मियां के दामाद मोहसिन रजा ने बताया कि समनानी के दोनों बेटे और ड्राईवर को अस्पताल से छुट्टी मिल गई हैं. अब वह ठीक हैं. जबकि समनानी मियां और उनके रिश्तेदार सुबूर अस्पताल में ही हैं. मोहसिन रजा ने कहा कि संभव है कि समनानी मियां को जल्द ही बरेली लाया जाए. इसलिए क्योंकि बनारस के अस्पताल में बहुत अच्छी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. उन्हें लाने के लिए सड़क या एयर एंबुलेंस का सहारा लिया जा सकता है.
मन्नानी मियां, जोकि आला हजरत खानदान की सबसे बुजुर्ग शख्सियत हैं और ताजुश्शरिया-मुफ्ती अख्तर रजा खां के भाई हैं. उनके बेटे हैं इमरान रजा, जिन्हें समनानी मियां के नाम से जाना जाता है.
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तीन दिन पहले वह बिहार के दौरे पर निकले थे. उन्हें औरंगाबाद जिले से बोकारो जाना था. रास्ते में उनकी कार कारे किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी. ये हादसा इतना जोररदार था कि समनानी की कार के परखच्चे उड़ गए.
कार की हालत देखकर हर कोई घबरा गया, कि उसमें सवार लोगों की क्या हालत होगी. बहरहाल, समनानी मियां को गंभीर हालत में बिहार से बनारस लाया गया. (Accident of Samnani Miyan )
जिस वक्त ये हादसा हुआ, उस वक्त कार में लोग सवार थे. जिसमें समनानी मियां, उनके दो बेटे एक रिश्तेदार और ड्राईवर. इन चारों लोगों को भी काफी चोटें आई हैं. लेकिन खतरे जैसी स्थिति नहीं थी. जबकि गहरी चोटों की वजह से समनानी मियां की हालत खतरे में थी. लेकिन इलाज के बाद अब उनकी सेहत में तेजी से सुधार हो रहा है. और वह खतरे से बाहर निकल रहे हैं.
दरगाह आला हजरत से समनानी मियां के भाई हन्नानी मियां अस्पताल में ही मौजूद हैं. परिवार के दूसरे लोग भी उन्हें देखने पहुंच रहे हैं. गुरुवार को जुमे की नमाज के दौरान उनकी सेहत को लेकर मस्जिदों में दुआएं की गईं. मन्नानी मियां ने भी दरगाह के चाहने वालों से दुआओं की इल्तिजा की है.
वहीं, बनारस में भी बड़ी संख्या में दरगाह के मुरीद और चाहने वाले समनानी मियां का हाल जानने के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं. इस बात पर शुक्र भी जता रहे हैं कि हादसे में सब सुरक्षित रहे. खासतौर से कार की हालत देखकर. जो पूरी तरह से भुसा बन चुकी है.
दरअसल, बिहार में समनानी मियां के कई धार्मिक कार्यक्रम लगे हुए थे, जिनमें उन्हें शामिल होना था. इसीलिए वह अपने दोनों बेटों को भी साथ लेकर गए थे. बिहार के गया, औरंगाबाद के बाद उन्हें बोकारो के प्रोग्राम में हिस्सा लेना था. कि रास्ते में दुर्घटना का शिकार हो गए. (Accident of Samnani Miyan )
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दरगाह आला हजरत पर भी उनके हक में दुआएं की जा रही हैं और अल्लाह का शुक्र अदा किया जा रहा है कि इतने भंयकर हादसे में भी सब लोग महफूज हैं.