नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के जवाब में संबोधन किया. इसमें विपक्ष उनके निशाने पर रहा. पीएम ने कहा, ‘मैं देख रहा हूं कि पिछले कुछ समय से देश में एक नई जमात पैदा हुई है. वो है ‘आंदोलनकारी.’ छात्र, मजदूर या वकील. हर आंदोलन में ये जमात नजर आती है. ये पूरी टोली है, जो आंदोलन के बिना जी नहीं सकती. और आंदोलन से जीने के नए रास्ते तलाशते रहते हैं.’
कृषि आंदोलन के संदर्भ में पंजाब के सिखों पर खलिस्तानी समर्थक होने की जो बयानबाजी की गई थी. प्रधानमंत्री ने सिखों के योगदान को याद करते हुए उसे भी ढकने की कोशिश की है.
उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग खासकर पंजाब के सिख भाईयों के दिमाग में गलत चीजें भरने में लगे हैं. देश, हर सिख के लिए गर्व करता है. कुछ उनको गुमराह करने की कोशिश करते हैं. इससे देश का कभी भला नहीं होगा.’
उत्तराखण्ड आपदा : अब तक 14 शव बरामद, 15 रेस्क्यू, 150 से ज्यादा लापता
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अस्थिर और अशांत रहे. कुछ लोग लगातार ये कोशिश कर रहे हैं. हमें, इन लोगों को ठीक से जानना होगा. हम ये भी न भूलें कि जब बंटवारा हुआ था, तो पंजाब इसका सबसे ज्यादा भुक्तभोगी बना. 1984 के दंगों में सबसे ज्यादा आंसू भी पंजाब के ही बहे.
कृषि कानूनों को लेकर प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर जोरदार कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी ने किसानों को उपज बेचने की आजादी दिलाने और भारत को कृषि बाजार दिलाने का इरादा जाहिर किया था. वो काम हम कर रहे हैं. आप लोग (कांग्रेस) को गर्व होना चाहिए. कहिए, देखिए मनमोहन सिंह जी ने कहा था वो मोदी को करना पड़ रहा है.
दिल्ली सीमाओं की किलाबंदी क्यों करा रही सरकार, क्या किसानों से डर लगता : राहुल गांधी
बोले शरद पवार, कांग्रेस और हर सरकार ने कृषि सुधारों की वकालत की है. कोई पीछे नहीं है. मैं हैरान हूं कि अचानक इन्होंने यूटर्न ले लिया. आप आंदोलन के मुद्दों को लेकर इस सरकार को घेर लेते हैं. लेकिन साथ में किसानों को ये भी कहते हैं कि बदलाव बहुत जरूरी है. इससे देश आगे बढ़ता है.
कृषि क्षेत्र में विकास को लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि दूध उत्पादन किन्हीं बंधनों में नहीं बंधा है. दूध के क्षेत्र में निजी और कॉपरेटिव-दोनों मिलकर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पशु पालकों जैसी आजादी, अनाज और दाल पैदा करने वाले छोटे और सीमांत किसानों को क्यों नहीं मिलनी चाहिए.
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. हर भारतीय, चाहे वे कहीं भी हों. इसे पूरे गर्व के साथ मनाएं.