पैगंबर मस्जिद के मामलों की एजेंसी ने नमाजियों और आने वालों की खिदमत के लिए ज़मज़म पानी के कंटेनरों को उनकी पुरानी स्थिति में वापस ला दिया है। हालांकि महामारी के प्रसार को रोकने के लिए एहितियाती गाइडलाइन लागू रहेगी, जिससे संक्रमण न पनपे और न फैले। (Zamzam Container Returned)
2020 की शुरुआत में पवित्र मस्जिद मामलों की जनरल प्रेसीडेंसी ने कोविड -19 महामारी की दस्तक मिलते ही अकीदतमंदों की हिफाजत के लिए ज़मज़म पानी के कंटेनरों का इस्तेमाल बंद कर दिया था।
फिर जरूरत होने पर विशेष व्यवस्था के तहत कुछ लोगों को पानी मुहैया कराने को लगाया। बाद में ऑटोमेटिक वाटर रोबोटों को पैगंबर की मस्जिद के आसपास के क्षेत्र में सीलबंद और एक बार इस्तेमाल होने वाली पानी की बोतलों में जमजम पानी देने की तकनीक शुरू की।
ज़मज़म पानी विभाग ने ज़मज़म के पानी को सुरक्षित और प्रदूषण से मुक्त करने के लिए उन्नत तकनीक से नमूनों की जांच का सिलसिला बदस्तूर जारी है।
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विभाग के निदेशक अब्दुल रहमान अल-ज़हरानी ने कहा कि ज़मज़म प्रयोगशाला को ज़मज़म के पानी की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने का काम सौंपा गया है। प्रयोगशाला में बैक्टीरिया और उनके पनपने को परखने के लिए माइक्रोबायोलॉजी की तकनीक और उपकरण मौजूद हैं, जिससे जमजम वाटर नेटवर्क हर लिहाज से सुरक्षित रहे। (Zamzam Container Returned)
उन्होंने कहा कि प्रयोगशाला नए प्रौद्योगिकी उपकरणों से लैस है और स्पेशल टेक्नीकल टीम रोजाना कंटेनरों और अन्य तरीके से मिलने वाले पानी के रैंडम और निश्चित नमूने लेकर जांच करती है।
पानी की जांच के अलावा टैंकों, कंटेनरों और नलों की धुलाई और स्टरलाइज़ करने का काम भी हो रहा है, जिससे गुणवत्ता मानकों में कोई कमी न रहे। (Zamzam Container Returned)
साल 1442 हिजरी में लिए गए नमूनों की संख्या 7,380 से ज्यादा हो चुकी है। ये नमूने ज़मज़म वेल, फिलिंग पॉइंट, पीने के स्थान, पानी की टंकियां, कूलिंग स्टेशन और यहां तक कि हरम मस्जिद और उसके चौकों के अंदर पोर्टेबल ज़मज़म पानी के पैकेटों से लिए गए।