द लीडर हिंदी : कोरोना के बाद Mpox नाम के वायरस ने पूरी दुनिया में एक बार फिर से टेंशन बढ़ा दी है. WHO ने मंकीपॉक्स वायरस को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है. बुधवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक बार फिर Mpox को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी के रूप में क्लासिफाई किया है. बतादें विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अफ़्रीका के कुछ हिस्सों में फैल रही एमपॉक्स बीमारी के चलते सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल का एलान किया है. वही संगठन ने इस बीमारी को अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय भी बताया है.एमपॉक्स एक संक्रामक बीमारी है, जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से भी जाना जाता था.आपको बताते चले कि एमपॉक्स (जिसे पहले मंकीपॉक्स कहा जाता था) एक दुर्लभ संक्रामक रोग है जो एमपॉक्स वायरस के कारण होता है. यह वायरस चेचक फैलाने वाले वायरस से संबंधित है.
एमपॉक्स ज़्यादातर मध्य और पश्चिमी अफ़्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों में पाया जाता है.वही अफ़्रीकी देश कॉन्गो में इस बीमारी के शुरुआती दौर में ही 450 से भी ज़्यादा लोगों की जान जा चुकी है. अब यह बीमारी मध्य और पूर्वी अफ़्रीका में तेज़ी से फैल रही है. बीमारी के तेज़ी से फैलते नए वैरिएंट और ज़्यादा मृत्यु दर पर वैज्ञानिकों ने अपनी चिंताएं भी ज़ाहिर की हैं.डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयेसस ने अफ़्रीका और उसके बाहर इस बीमारी के फ़ैलने की आशंकाओं पर अपनी चिंता ज़ाहिर की है.
उन्होंने कहा, “अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग से ही इस बीमारी को रोका जा सकता है और लोगों की जान बचाई जा सकती है.”एमपॉक्स बीमारी लोगों के नज़दीकी संपर्क, जैसे कि शारीरिक संबंध, छूने और एक दूसरे के क़रीब आकर बात करने या सांस लेने से फैल सकती है.इस बीमारी में जुकाम जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं. साथ ही रोगियों की त्वचा पर घाव भी हो सकते हैं. इस बीमारी से जूझ रहे 100 में से चार रोगियों की मौत हो जाती है.https://theleaderhindi.com/we-had-full-hope-that-the-decision-would-be-in-our-favor-but-now-there-is-no-scope/
बतादें वैश्विक स्तर पर पिछले एक दशक के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि कई प्रकार की संक्रामक बीमारियों ने स्वास्थ्य के लिए गंभीर चुनौतियां खड़ी की हैं. साल 2019 के आखिर के महीनों में शुरू हुई कोरोना महामारी को इसकी गंभीरता और जटिलताओं को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था.वही कोरोना के मामले तो अब काफी नियंत्रित हैं, लेकिन अब इस बीमारी ने विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है.