बारिश से आंदोलनकारी किसानों के टैंट-ट्रॉलियाें में भरा पानी, बोले- पूरे जीवन करते हैं मौसम की मार से मुकाबला

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19 मई की सुबह से ही भारी बारिश से आंदोलनकारी किसानों के दिल्ली मोर्चों पर खास नुकसान हुआ। टैंट और ट्रॉलियों में पानी भरने से रहने और लंगर की भी दिक्कतों से सामना हुआ। हालांकि इस अव्यवस्था को संभालने के लिए किसान मोर्चा के बचाव दल तत्काल सक्रिय हो गए और उन्होंने जल्द ही नियंत्रण भी पा लिया। जिन जगहों पर ढलान या गहराई है, वहां समस्या से अभी भी जूझना पड़ रहा है।

किसान मौसम के अनुमानों के आधार पर अपने संसाधनों से इस हालात से निपटने की कोशिश कर रहे हैं। बारिश अभी जारी है। मोर्चा नेतृत्व ने एक दिन पहले ही सभी किसानों को बारिश की संभावना का अलर्ट दिया था। जिससे हालात फिलहाल काबू में हैं। बारिश से हुए नुकसान के बावजूद हौसलों में कोई कमी नहीं है।

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मौसम के बदलाव से हो रही दिक्कतों पर किसान नेताओं ने कहा, ”किसान तो पूरे जीवन इस तरह की मुसीबत का सामना करते हैं। एक किसान ही है जो अपनी मेहनत से उगती दौलत को खुलेआम खेत में छोड़कर रखता है और हर तरह के मौसम में खुले आसमान के नीचे खड़े होकर अपनी इस दौलत की रक्षा करता है। सरकार तब भी उनके लिए कुछ नहीं करती और इस वक्त आंदोलन में मौजूद किसानों की भी उसे कोई परवाह नहीं है।”

मोर्चा नेतृत्व ने प्रेस बयान जारी कर कहा, ”इतने लंबे समय से लड़ रहे संघर्ष में किसानों ने शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को रखा है। सरकार ने किसानों को बदनाम करने की तमाम कोशिशें की परंतु असफल रही। देश में किसी फसल या राज्य में उत्पादन या निर्यात बढ़ने का पूरा श्रेय सरकार लेती है। किसानों के कल्याण का दिखावा करने वाली सरकार आज दिल्ली की सीमाओं पर हो रहे हर मानवीय और अन्य नुकसान की भी जिम्मेदारी ले। भाजपा का यह दोगला चरित्र अब सबने सामने आ गया है।”

किसान आंदोलन में अब तक 470 से ज्यादा किसान शहीद हो गए हैं। अनेक आंदोलनकारियों को अपनी नौकरी, पढ़ाई व काम छोड़ने पड़े हैं। इन सबके बावजूद सरकार का ऐसा रवैया यह बताता है कि सरकार कितनी अमानवीय अौर बेफिक्र है। सरकार अगर अपने नागरिकों की फिक्र करती है और उनका कल्याण चाहती है तो किसानों से बातचीत शुरू कर उनकी मांगें मान लेनी चाहिए।

मोर्च की ओर से यह भी बताया गया कि हिसार में किसानों पर हमले के बाद गुस्साए किसानों ने मय्यड़ टोल प्लाजा, जिला हिसार पर बरवाला विधायक जोगीराम सिहाग की गाड़ी रोककर भारी विरोध किया। विधायक से दोनों हाथ जुड़वा कर माफी मंगवाई गई और माफी मांगने के बाद ही विधायक को वहां से जाने दिया।

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