सिख समुदाय की दरियादिली और हिम्मत का लोहा दुनिया मानती है। खालसा एड इंटरनेशनल के साहस के सभी कायल हैं। भयानक युद्ध चल रहा हो या भूकंप आ जाए। कोई पहुंचे न पहुंचे, वे पहुंच ही जाते हैं। हर मानवीय संकट में उनका बिना भेदभाव समाज के साथ खड़े होने का जज्बा जब तब देखा ही जाता है। (Courage Of Sikh Youth)
हम आपको एक ऐसा वाकया बताने जा रहे हैं, जिसे देखकर आप फिर कहेंगे- सिंह इज किंग
पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। लोग इन युवाओं को सोच और निस्वार्थता के लिए बधाई दे रहे हैं।
यह वाकया है ब्रिटिश कोलंबिया का। जहां अनजान लोगों को बचाने के लिए सिख दल के नौजवानों ने अपनी पगड़ी खोल दी और उसी पगड़ी के सहारे दोनों की जान बची, नहीं तो मौत की चपेट में आ ही गए थे।
हुआ यह था कि सिख दोस्तों का एक ग्रुप गोल्डन एर्स प्रांतीय पार्क में ट्रैकिंग के लिए गया था, इस बीच उन्हें पता चला कि दो पैदल यात्री एक चट्टान पर फिसलकर झरने के एक पूल में गिर गए हैं और उनकी जान जोखिम में है। कॉल करने की कोशिश हुई, लेकिन इमरजेंसी सहायता नहीं पहुंच पाई। (Courage Of Sikh Youth)
यह देख कुलजिंदर किंडा और उनके दोस्त खुद ही बचाव में जुट गए। रस्सी तलाशने की कोशिश की, लेकिन नहीं मिली। तभी उन्होंने पगड़ी उतार दी और अजनबियों को बचाने के लिए पगड़ी को ही रस्सी बना लिया, जो सिखों में अनिवार्य धार्मिक हेडड्रेस है, पवित्र होती है। उसी पगड़ी की रस्सी को लेकर फिसलन वाली चट्टान पर चढ़ गए और पूरी ताकत लगाकर हाइकर्स की मदद में जुट गए। आखिरकार उनकी कोशिश से कामयाबी हासिल हुई और हाइकर बच गए।(Courage Of Sikh Youth)
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सर्च एंड रेस्क्यू सोसाइटी (एसएआर) के प्रबंधक रिक लिंग ने बताया कि उन्हें हाइकर्स के बारे में एक कॉल आया था जो शाम 6 बजे के आसपास फॉल्स में गिर गया था, लेकिन इससे पहले कि वे उस जगह पहुंच पाते, साहसी समूह ने उन्हें बचा लिया था।
कोई चिकित्सा सहायता की जरूरत है या नहीं, यह जानने की हमने कोशिश की, लेकिन सभी ठीक हैं, ऐसी कोई जरूरत पेश नहीं आई।
On Monday, a hiker had slipped on some rock and fell into the Lower Falls a Golden Ears Provincial Park in BC
While search crews were called, a group of 5 Sikh hikers spotted the man and used their turbans and extra clothes to make a rope, and help rescue the man. 🙏🙏 pic.twitter.com/JupoFRWC4i
— Learn Punjabi (@learnpunjabi) October 17, 2021
कुलजिंदर किंडा ने कहा, ‘हम बस इतना ही सोचने की कोशिश कर रहे थे कि उन्हें कैसे बाहर निकाल सकते हैं, हमें नहीं पता था कि कैसे क्या किया जाए, मदद करने के लिए दस मिनट तक माथापच्ची-भागदौड़ की, तभी अपनी पगड़ी को एक साथ बांधकर रस्सी की तरह इस्तेमाल करने का ख्याल आया।” (Courage Of Sikh Youth)
उन्होंने कहा, “सिख धर्म में हमें सिखाया जाता है कि हमारे पास जो कुछ भी है, यहां तक कि हमारी पगड़ी भी, जरूरत पड़े तो उससे किसी की भी मदद करें।”