साद रिजवी की गिरफ्तारी पर पाकिस्तान में हिंसा बेकाबू, भारतीय सिख फंसे

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साद की गिरफ्तारी पर पाकिस्तान में हिंसा बेकाबू, भारतीय सिख फंसे

लाहौर।

पाकिस्तान में फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने,और साद रिजवी की रिहाई को लेकर हिसक प्रदर्शनों का दौर जारी है। लाहौर में भीड़ ने एक पुलिस वाले को पीट पीट कर डाला और अलग अलग शहरों में 12 प्रदर्शनकारी पुलिस की गोली से मारे गए हैं। कहीं भीड़ ने सड़कें जाम कर रखी हैं तो कहीं पुलिस ने रास्ते रोके हैं। भारत से पंजा साहिब की यात्रा पर सोमवार को निकले 800 सिख तीर्थ यात्री रास्ते में फंसे हैं।
राजधानी इस्लामाबाद सहित कई शहरों में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं हैं। इतना ही नहीं कई जगहों पर पुलिसवालों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया है। तीन दिन पहले इस्लामिक संगठन के नेता साद रिजवी की गिरफ्तारी की खबर आम होते ही बड़े पैमाने पर हिंसा शुरू हो गई और इमरान खान सरकार उपद्रवियों के सामने बेबस नजर आ रही है।
फ्रांस में ईशनिंदा वाले कुछ प्रकाशनों को लेकर तहरीक-ए-लब्बैक पार्टी के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि फ्रांसीसी राजदूत को तुरंत निष्कासित किया जाए। विरोध-प्रदर्शन की आग को दबाने के लिए पुलिस ने पार्टी के नए चीफ साद को गिरफ्तार किया, लेकिन इसका उल्टा असर देखने को मिला.इस पर बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और हिंसा शुरू हो गई। इस हिंसा में एक पुलिसकर्मी की हत्या की खबर है। जबकि पार्टी का दावा है कि पुलिस की गोलीबारी में उसके 12 कार्यकर्ताओं की मौत हुई है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी गुलाम मोहम्मद डोगर ने बताया कि तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के प्रमुख साद रिजवी को सोमवार को गिरफ्तार किया गया था। रिजवी ने धमकी दी थी कि अगर सरकार पैगंबर मोहम्मद का चित्र प्रकाशित किए जाने को लेकर फ्रांस के राजदूत को निष्कासित नहीं करती है, तो प्रदर्शन तेज किए किए जाएंगे। सरकार ने इस मामले को संसद में रखने की बात कही और फैसले के लिए 20 अप्रैल तक का समय तय किया था।

कौन है साद रिजवी?
साद रिजवी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान का नया चीफ और पाक के कट्टरपंथी नेता खादिम रिजवी का बेटा। खादिम का पिछले साल नवंबर में निधन हो गया था, जिसके बाद उनके बेटे ने संगठन की जिम्मेदारी संभाली। अपने पिता की तरह साद रिजवी का भी ईशनिंदा को लेकर कट्टर रुख है। उसका संगठन ईशनिंदा कानून में बदलाव भी नहीं होने दे रहा है और अक्सर सरकार पर दबाव बनाने में कामयाब हो जाता है। फ्रांसीसी मैगजीन शार्ली हेब्दो में छपे पैगंबर मोहम्मद के विवादित कार्टून को लेकर साद रिजवी का संगठन लगातार प्रदर्शन कर रहा है. उसकी मांग है कि फ्रांस के राजदूत को देश से निकाल दिया जाए। पिछले साल साद रिजवी के पिता के नेतृत्व में पूरे पाकिस्तान में प्रदर्शन हुए थे। तब प्रधानमंत्री इमरान खान ने भरोसा दिया था कि फ्रांस के राजदूत को वापस भेज दिया जाएगा, मगर इस पर अमल नहीं हुआ। इसलिए फिर विरोध की आग भड़क उठी है।

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