उत्तराखण्ड के चमोली में ऋषिगंगा घाटी में हुई भारी तबाही के बाद राहत और बचाव कार्य जारी हैं. ताजा अपडेट के अनुसार अब तक 14 शव बरामद कर लिए गए हैं. अब तक 15 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है. आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें आज पूरे दिन भी रेस्क्यू आपरेशन में जुटी रहेंगी. (Uttarakhand Glaciar Burst Updates)
तपोवन बांध के लिए बनायी गयी सुरंगों में अभी भी 30 लोगों के फंसे होने की संभावना है. स्थानीय प्रशासन के अब भी डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों के लापता होने की सम्भावना के बीच आईटीबीपी के 300 से ज्यादा सुरंगों को क्लियर करने में जुटे हुए हैं. सुरंगों के आसपास काफी ज्यादा मलबा इकठ्ठा है जिस वजह से मशीनों को इस्तेमाल कर पाना संभव नहीं हो पा रहा है.
Now we are focusing on second tunnel, that is tunnel number one, we've learnt that around 30 people are trapped there. We will be carrying out night operations also. Our teams are already on the job & we hope that we'll be able to resue them: Vivek Pandey, ITBP PRO #Uttarakhand pic.twitter.com/l9r9trN2T1
— ANI (@ANI) February 7, 2021
रविवार सुबह उत्तराखण्ड के चमोली जिले में ऋषिगंगा और धौलीगंगा के जलस्तर में हुई अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी से ऋषि गंगा घाटी में भीषण तबाही फ़ैल गयी. घाटी में चल रही तपोवन-विष्णुगाड़ और ऋषिगंगा परियोजना लगभग तबाह हो गयीं. परियोजना में काम कर रहे कई मजदूर बह गए. इन बांधों के लिए बनी सुरंगों में अब भी कई मजदूरों के फंसे होने की आशंका है.
राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने इस हादसे में 150 से ज़्यादा लोगों के अब भी लापता होना का बयान दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि ’घबराने की कोई बात नहीं है. कल ग्लेशियर के फटने से आई बाढ़ में रेनी बिजली परियोजना पूरी तरह बह गयी. इससे तपोवन में भी भारी तबाही मची है. पहले प्रोजेक्ट की जगह से 32 लोग और दूसरे प्रोजेटक्ट की जगह से 121 लोग गायब है.’’
No need to spread panic. The glacier burst yesterday, boulders and debris followed which washed away the Raini power project causing a massive impact on Tapovan. All of this happened yesterday. 32 people from first and 121 people are missing from the 2nd project: Uttarakhand DGP pic.twitter.com/Q2b7uYZdlD
— ANI (@ANI) February 8, 2021
इस बीच वायुसेना भी बचाव कार्यों में जुट गयी है. वायुसेना ने बइस हादसे के बाद हवाई राहत और बचाव कार्य के लिए Mi-17 और एडवांस लाइट हैलीकॉप्टर देहरादून से जोशीमठ भेज दिए हैं.