इस तारीख और साल से पहले पैदा होने वालों के लगेगा कोरोना का टीका

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मणिकांत ठाकुर

केंद्र सरकार ने मंगलवार को फैसला किया है कि आने वाले 1 अप्रैल से 45 साल से ऊपर का कोई भी व्यक्ति कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ वैक्सीन लगवा सकता है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के मुताबिक सभी योग्य लोगों को इसका रजिस्ट्रेशन ओपन होने के साथ ही टीका लगवाने के लिए अपना नाम रजिस्टर करवाना चाहिए।

दरअसल, केंद्र सरकार वैक्सीनेशन का दायरा बढ़ाना चाहती है, ताकि जल्द से जल्द ज्यादा से ज्यादा लोगों को कोरोना वायरस से सुरक्षित किया जा सके। अभी भी 45 साल से ऊपर के लोगों को यह टीका लगाया जा रहा है, लेकिन यह प्रावधान सिर्फ उनके लिए है, जिन्हें स्वास्थ्य संबंधी खास परेशानियां हैं, लेकिन बदलने नियम बदलने के बाद अब 45 से ज्यादा उम्र का कोई भी व्यक्ति यह टीका लगवा सकता है।

लेकिन, इसके लिए कुछ बातों की जानकारी होनी बहुत ही जरूरी है।

कोविन प्लेटफॉर्म की फीचर में बदलाव

कोविड वैक्सीन के लिए उम्र के दायरे में रियायत के ऐलान से एक दिन पहले सरकार ने कोविशील्ड के दूसरी डोज के लिए अंतर भी चार हफ्ते से बढ़ाकर आठ हफ्तों तक कर दिया था। इसके लिए कोविन प्लेटफॉर्म की फीचर में भी बदलाव किया जा रहा है, ताकि जिन्हें पहली डोज के 29वें दिन बाद से दूसरी खुराक लगनी थी, उनके वैक्सीनेशन को री-शेड्यूल किया जा सके।

इसके तहत लाभार्थियों के 4 से 8 हफ्ते के बीच अपनी सुविधानुसार टीका लगवाने की पूरी आजादी मिलेगी। वैसे लाभार्थियों को सलाह दी गई है कि वह दूसरी खुराक 6 से 8 हफ्तों के बीच में लगवाएं, क्योंकि एक्सपर्ट के मुताबिक यह ज्यादा कारगर होगा।

उन्हें यह भी सलाह दी गई है कि दूसरी डोज लगवाने में 8 हफ्तों से ज्यादा देर ना करें, क्योंकि इससे वो वायरस से असुरक्षित हो सकते हैं। अगर लाभार्थियों की दूसरी डोज के लिए टाइम ऑटोमेटिक फिक्स भी हो जाता है तो भी वो ‘डब्ल्यू.डब्ल्यू.डब्ल्यू.कोविन.गॉव.इन’ पर जाकर अपनी पसंद का समय खुद तय कर सकते हैं।

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1 जनवरी, 1977 से पहले होना चाहिए बर्थडे

सरकार के नए फैसले से अब 45 साल से ऊपर के हर व्यक्ति के लिए कोरोना का टीका लगवाने का रास्ता साफ हो गया है। पहले यह छूट 45 से 60 साल के बीच के सिर्फ कोमॉरबिडिटीज वाले लोगों को ही दी गई थी।

45 साल की कैटेगरी के लिए कट ऑफ डेट 1 जनवरी, 1977 रखा गया है। यानी इससे पहले जन्मे लोगों को 1 अप्रैल से कोरोना वायरस का टीका लगाया जा सकता है। कोमॉरबिडिटीज की शर्त हटाने से इसका दायरा बढ़ गया है और इसके बाद अब 34 करोड़ लोगों को लाभ मिलने का अनुमान है।

1 अप्रैल, 2021 से कोविन सिस्टम पर 45 साल से ज्यादा के लोग वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे। इसी तारीख से लोग सीधे वैक्सीन केंद्र पर जाकर भी रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे।

वैक्सीनेशन के बाद ध्यान रखने वाली बातें

वैक्सीनेशन के बाद लाभार्थी वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट की हार्ड या डिजिटल कॉपी जरूर लें। अगर आप प्राइवेट अस्पताल में टीका लगवाते हैं तो फीस में इसका चार्ज भी शामिल है। इसके लिए अलग से पैसे देने की जरूरत नहीं है। वैक्सीनेशन के बाद के 30 मिनट के ऑब्जर्वेशन पीरियड में यह सुनिश्चित कर लें कि आपको यह सर्टिफिकेट मिल जाए।

बिना इसे लिए घर बिल्कुल ना लौटें। अगर अस्पताल यह सर्टिफिकेट नहीं देता है तो आप टॉल-फ्रीन नंबर 1075 पर उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यही नहीं अगर आपने कोविन के जरिए वैक्सीनेशन के लिए ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट लिया है तो आपको निजी या सरकार अस्पताल में दूसरी अप्वाइंटमेंट की जरूरत नहीं है।

अगर कोई अस्पताल इस गाइडलाइंस का पालन नहीं करता है तो भी आप 1075 नंबर पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

कोविन पर रोजाना 50 लाख रजिस्ट्रेशन की क्षमता

सरकारी सूत्रों का कहना कोविन पर एक दिन में 50 लोगों के रजिस्टर करने की क्षमता है, लेकिन इस समय रोजाना 10 लाख से भी कम रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं। जबकि, इसकी क्षमता बढ़ाकर 1 करोड़ डेली तक की जा सकती है।

मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने राज्यसभा में कहा है कि ‘घबराने की कोई जरूरत नहीं है और देश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है।’

मंगलवार शाम 7 बजे तक 60 करोड़ से अधिक उम्र के 2.1 करोड़ और 45.6 लाख 45 से 60 वर्ष की उम्र के कोमॉरबिडिटीज वाले लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लगाई जा चुकी थी। जबकि, कुल मिलाकर देश में 5 करोड़ से ज्यादा डोज लग चुकी थी।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं, लेख उनकी निजी जानकारी पर आधारित है, फेसबुक वॉल से साभार)

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