द लीडर हिंदी : केरल के वायनाड में जो उस रात सोया, वो फिर सुबह मलबे में मिला. क्योकि वो हमेशा के लिये मौत की आगोश में चला गया. मंगलवार तड़के पहाड़ से बहकर आए सैलाब ने जहां हाहाकार मचा दिया है.वही करीब 22 हजार की आबादी वाले 4 गांव सिर्फ 4 घंटे में पूरी तरह तबाह हो गए हैं. क्योकि मंगलवार देर रात आई लैंडस्लाइड की वजह से 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि अब तक मेप्पडी में 90 लोगों की और निलांबुर में 32 लोगों की मौत हो चुकी है.
घायल हुए 192 लोगों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है. वही गंभीर रूप से प्रभावित हुए क्षेत्रों में बचाव दल के ना पहुंच पाने के कारण लापता लोगों की संख्या 98 बनी हुई है. चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के सदस्य बिपिन चेम्बथकारा ने बताया कि हमें नहीं मालूम कि मेप्पीड के चाय बागानों में कितने लोग रह रहे थे.
मेप्पडी में अन्य राज्यों से आए कई लोग भी काम करते हैं. हमें लगता है कि इस हादसे से पर्यटक भी प्रभावित हुए हैं.उन्होंने कहा कि मेप्पडी में एक शिविर में 150 बच्चों को अन्य लोगों के साथ रखा गया है. बच्चों को मनोवैज्ञानिक सहायता भी दी जा रही है.इस बीच हादसे के बाद हालत को लेकर बुधवार सुबह केरल कैबिनेट बैठक कर रही है. इसके बाद मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन बचाव कार्यों को लेकर समीक्षा बैठक भी करेंगे.सोमवार और मंगलवार की दरम्यानी रात एक से चार बजे के बीच तीन भूस्खलनों ने वायनाड के चूरालमाला, मुंडाक्कई जैसे इलाकों में भारी तबाही मचाई थी.मंगलवार रात को राहत एवं बचाव कार्यों को रोक दिया गया था.
एनडीआरएफ़ के टीम कमांडर एसआई संजय सोनी ने बताया था कि बचाव अभियान बुधवार सुबह 7 बजे से शुरू होगा.राहत और बचाव कार्य में भी मुश्किलें आ रही हैं.वायनाड में हुई भूस्खलन घटना के बाद राज्य में दो दिवसीय राजकीय शोक घोषित किया गया है. इस आपदा ने 11 साल पहले आई केदारनाथ त्रासदी की यादें ताजा कर दी हैं.https://theleaderhindi.com/caste-war-between-akhilesh-yadav-and-anurag-thakur-continues-in-the-house-pm-becomes-admirer/