द लीडर। देश में कोरोनाकाल के बीच एक बार फिर बढ़ी महंगाई ने आम लोगों की रसोई की बजट बिगाड़ दिया है। दरअसल, आज से आम जनता पर महंगाई का बोझ बढ़ गया है। अब इलाज से लेकर दूध, दही, मक्खन और अनाज के अलावा कई समानों को महंगा कर दिया गया है। सरकार ने कई प्रोडक्ट्स और सर्विसेज पर टैक्स के रेट्स में बदलाव किया है, जिसकी वजह से आज से आपको कई सारी वस्तुओं पर ज्यादा जीएसटी चुकाना पड़ेगी।
जीएसटी काउंसिल ने आम आदमी के इस्तेमाल वाली कई चीजों पर टैक्स रेट बढ़ाने का फैसला किया तो कई सामानों पर मिल रही जीएसटी छूट को भी खत्म कर दिया गया है। वहीं जीएसटी की ये नई दरें आज यानी 18 जुलाई से लागू हो गई हैं। आपको ये भी जान लेना चाहिए कि, आज से कौन-कौन सी सर्विसेज और प्रोडक्ट्स पर आपको ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे।
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ये समान आज से हुए महंगे ?
◾ आज से पैकेट बंद और लेवल वाले प्रोडक्ट्स पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगाया जाएगा जो पहले 5 फीसदी थी।
◾ इसके साथ ही नारियल पानी पर 12 फीसदी और फुटवेयर के कच्चे माल पर भी 12 फीसदी GST की नई दरें लागू होगी।
◾ कई GST से मुक्त उत्पादों को भी GST के दायरे में लाया गया है।
◾ मछली, दही, पनीर, लस्सी, शहद, सूखा मखाना, सूखा सोयाबीन, मटर जैसे उत्पादों के साथ ही गेहूं और अन्य अनाज के साथ मुरमुरे पर भी अब पांच प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
◾ इसके अलावा प्रिंटिंग/ड्राइंग इंक, धारदार चाकू, कागज काटने वाला चाकू, पेंसिल शार्पनर, एलईडी लैंप, ड्राइंग और मार्किंग करने वाले उत्पादों पर 18 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा।
◾ सौर वॉटर हीटर पर अब 12 फीसदी जीएसटी लगेगा जबकि पहले इस पर पांच फीसदी टैक्स लगता था।
◾ सड़क, पुल, रेलवे, मेट्रो, अपशिष्ट शोधन संयंत्र और शवदाह गृह के लिये जारी होने वाले कार्य अनुबंधों पर अब 18 फीसदी जीएसटी लगेगा जो अब तक 12 फीसदी था।
◾ अस्पताल में 5,000 रुपये (गैर-आईसीयू) से अधिक किराये वाले कमरे पर 5 फीसद जीएसटी लगेगा।
◾ चेक बुक जारी करने पर बैंकों की ओर लिए जाने वाले शुल्क पर 18 फीसद जीएसटी।
◾ होटल के 1,000 रुपये प्रति दिन से कम किराये वाले कमरे पर 12 फीसद जीएसटी।
◾ टेट्रा पैक पर दर 12 फीसद से बढ़कर 18 फीसद जीएसटी।
◾ मैप, एटलस और ग्लोब पर 12 फीसद जीएसटी देना होगा।
◾ ब्लेड, चाकू, पेंसिल शार्पनर, चम्मच, कांटे वाले चम्मच, स्किमर्स आदि पर 18 फीसद जीएसटी। पहले 12 फीसदी था ।
◾ आटा चक्की, दाल मशीन पर 5 फीसद की जगह 18 फीसद जीएसटी।
◾ अनाज छंटाई मशीन, डेयरी मशीन, फल-कृषि उत्पाद छंटाई मशीन, पानी के पंप, साइकिल पंप, सर्किट बोर्ड पर 12 फीसद की जगह 18 फीसद जीएसटी।
जानिए सस्ता क्या-क्या हुआ ?
◾ ऑपरेटरों के लिए माल ढुलाई किराया पर जीएसटी 18 फीसद से कम होकर 12 फीसद रह जाएगी, जहां ईंधन लागत शामिल है।
◾ डिफेंस फोर्सेज के लिए आयातित कुछ खास वस्तुओं पर आईजीएसटी नहीं लगेगा।
◾ रोपवे के जरिये यात्रियों और सामान लेकर आने-जाने पर 5 फीसद टैक्स। अभी 18 फीसद है।
◾ स्प्लिंट्स और अन्य फ्रैक्चर उपकरण, शरीर के कृत्र्मि अंग, बॉडी इंप्लाट्स, इंट्रा ओक्यूलर लेंस आदि पर 12 फीसद की जगह 5 फीसद लगेगा।
जीएसटी कलेक्शन बढ़ा
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जून महीने में जीएसटी कलेक्शन सालाना आधार पर 56 फीसदी से बढ़कर 1.44 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. यह लगातार पांचवां ऐसा महीना रहा, जब सरकार को जीएसटी से एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा राजस्व प्राप्त हुआ. मई में सरकार को जीएसटी से 1.40 लाख करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे.
GST पर सियासत गरमाई
इसके साथ ही सरकार ने कई अहम बदलाव किये गए है। जिस पर सियासत तेज हो गई है और लगातार विपक्ष की इस मुद्दे पर सरकार पर निशाना साध रहा है। और विरोध कर रहा है कि, सरकार लगातार महंगाई बढ़ा रही हैं जिसका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ रहा है।
अखिलेश यादव बोले- GST मतलब ‘गयी सारी तनख़्वाह’
जीएसटी बढ़ने पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा और जीएसटी को नया नाम दिया, उन्होंने कहा कि, जीएसटी मतलब कर लिखा कि,’गयी सारी तनख्वाह’। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि, आज से आटा, दही, पनीर से लेकर ब्लेड, शार्पनर, एलईडी, इलाज, सफ़र सब पर GST की जो मार आम जनता पर पड़ी है उससे दुखी होकर GST का एक नया भाव-अर्थ सामने आया है… ‘गयी सारी तनख़्वाह’।
आज से आटा, दही, पनीर से लेकर ब्लेड, शार्पनर, एलईडी, इलाज, सफ़र सब पर GST की जो मार आम जनता पर पड़ी है उससे दुखी होकर GST का एक नया भाव-अर्थ सामने आया है… ‘गयी सारी तनख़्वाह’#GST_Gayi_Saari_Tankhvaah
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 18, 2022
बता दें कि, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने GST को पहले गब्बर सिंह टैक्स का नाम दिया था। वहीं अब अखिलेश यादव ने इसको नया नाम देते हुए इसे ‘गयी सारी तनख़्वाह’ बताया है।
राहुल गांधी बोले- टैक्स हाई… कोई नौकरी नहीं
देश में बढ़ी जीएसटी पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला और ट्वीट कर लिखा कि, टैक्स हाई है और कोई नौकरी नहीं… दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक को कैसे नष्ट किया जाए, इस पर भाजपा का मास्टरक्लास।
HIGH taxes, NO jobs
BJP’s masterclass on how to destroy what was once one of the world’s fastest growing economies. pic.twitter.com/cinP1o65lB
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 18, 2022
प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना
वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी सरकार के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि, पहले पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस महंगी की। आज से आटा, अनाज, दही भी महंगा हो गया। मोदी जी के खरबपति दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए आने वाले समय में बिजली महंगी होगी। कुछ लोगों के लिए अंधाधुंध कमाई का इंतजाम हो रहा है, लेकिन “रेवड़ी कल्चर” बोलकर बदनाम गरीब व मध्यवर्ग को किया जा रहा है।
पहले पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस महंगी की। आज से आटा, अनाज, दही भी महंगा हो गया। मोदी जी के खरबपति दोस्तों को फायदा पहुंचाने के लिए आने वाले समय में बिजली महंगी होगी
कुछ लोगों के लिए अंधाधुंध कमाई का इंतजाम हो रहा है, लेकिन "रेवड़ी कल्चर" बोलकर बदनाम गरीब व मध्यवर्ग को किया जा रहा है pic.twitter.com/16s8Q8AmcB
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 18, 2022
सरकार के फैसलों पर बरसे वरुण गांधी
पीलीभीत से बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने मोदी सरकार के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि, हम लोगों को राहत देने के लिए उन्हें आहत कर रहे हैं। वरुण गांधी ने ट्वीट कर कहा कि, आज से दूध, दही, मक्खन, चावल, दाल, ब्रेड जैसे पैक्ड उत्पादों पर GST लागू है। रिकार्डतोड़ बेरोजगारी के बीच लिया गया यह फैसला मध्यमवर्गीय परिवारों और विशेषकर किराए के मकानों में रहने वाले संघर्षरत युवाओं की जेबें और हल्की कर देगा।
आज से दूध, दही, मक्खन, चावल, दाल, ब्रेड जैसे पैक्ड उत्पादों पर GST लागू है।
रिकार्डतोड़ बेरोजगारी के बीच लिया गया यह फैसला मध्यमवर्गीय परिवारों और विशेषकर किराए के मकानों में रहने वाले संघर्षरत युवाओं की जेबें और हल्की कर देगा।
जब ‘राहत’ देने का वक्त था, तब हम ‘आहत’ कर रहे हैं।
— Varun Gandhi (@varungandhi80) July 18, 2022
छोटे व्यापारियों को काफी पहुंचेगा नुकसान
बता दें कि, आम जनता पर आज से महंगाई का बोझ बढ़ गया है। कहा जा रहा है कि, सरकार के इस फैसले से छोटे कारोबारियों को झटका लगेगा। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने कहा है कि, खाने-पीने के सामान और अनाज के कारोबार करने वाले सरकार के फ़ैसले से नाराज़ हैं। इससे छोटे व्यापारियों को काफी नुकसान पहुंचेगा।
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