द लीडर. सऊदी अरब प्रशासन ने अपने यहां लाउडस्पीकर की आवाज को कम रखने का फैसला लिया है. इसके लिए इस्लामिक मामलों के मंत्री डॉ. अब्दुल लतीफ बिन अब्दुल्ला अजीज अल शेख ने प्रतिबंधों की घोषणा की है. यह कहते हुए कि मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर की आवाज अधिकतम एक तिहाई से ज्यादा नहीं हो. इससे पहले सऊदी के वरिष्ठ धार्मिक नेता मुहम्मद बिन सालेह फतवा भी दे चुके हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकरों का इस्तेमाल अज़ान और इक़ामत के अलावा नहीं किया जाना चाहिए. दरगाह आला हजरत को सऊदी हुकूमत का यह फैसला नागवार गुजरा है.
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सऊदी प्रशासन ने लाउडस्पीकर की आवाज को कम करने के पीछे अभिभावकों के बच्चों की पढ़ाई में खलल की शिकायत के साथ शरई नजरिया भी पेश किया था. इस्लामिक मामलों के मंत्री ने कहा है कि लाउडस्पीकर का इस्तेमाल सिर्फ धर्मावलंबियों को नमाज़ के लिए बुलाने को किया जाता है. इमाम नमाज अदा कराने जा रहे हैं, इसका पता मस्जिद में बैठे लोगों को चलना चाहिए, न कि पड़ोस के घरों में रहने वालों को. इसलिए लाउडस्पीकर की आवाज स्पीकर की अधिकतम आवाज के एक तिहाई से ज्यादा न हो.
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द लीडर ने सऊदी हुकूमत के इस फैसले को लेकर जब दरगाह आला हजरत के मुफ्ती मुहम्मद सलीम नूरी से बात की तो उन्होंने सख्त नाराजगी का इजहार किया. उन्होंने कहा कि अजान सिर्फ नमाज के लिए बुलाने भर का एलान नहीं बल्कि यह इस्लाम की शान है. इससे बरकतें हासिल होती हैं और वबाएं (जानलेवा बीमारियां) दूर भागती हैं.
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उन्होंने कहा कि सऊदी हुकूमत का यह फैसला दूसरे मुल्कों में रहने वाले मुसलमानों के लिए दिक्कतें खड़ी करेगा. मुफ्ती सलीम नूरी ने बताया कि लाउडस्पीकर की आवाज सीमित करने के फैसले का सऊदी अरब में ही विरोध हो रहा है. मांग की जा रही है कि बाजारों, होटल, कैफे में बजने वाले तेज आवाज संगीत पर भी प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. सोशल मीडिया पर इससे जुड़े हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं.