पीएम मोदी की कश्मीरी नेताओं के साथ सर्वदलीय बैठक में महबूबा बोलीं- धारा 370 हटने से लोग नाराज, शांति के रास्ते फिर से करेंगे बहाल

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द लीडर हिंदी : केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के 14 नेताओं के साथ सर्वदलीय बैठक की. करीब साढ़े तीन घंटे तक चली मैराथन बैठक देर शाम करीब साढ़े छह बजे खत्म हुई.

बैठक में देश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के साथ ही जम्मू और कश्मीर के गुपकार गठबंधन के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ फारूख अब्दुल्लाह, उमर अब्दुल्लाह, महबूबा मुफ़्ती और गुलाम नबी आजाद शिरकत की.

बैठक में कश्मीरी नेताओं ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा वापस दिए जाने और जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग की. धारा 370 की मांग नहीं रखी गई, क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है.

हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्बदुला ने धारा 370 हटाने को लेकर अपना विरोध जरूर दर्ज कराया. कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कश्मीरी पंडितों को घाटी में बसाने की मांग की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी कश्मीरी नेताओं की बात को सुना और आश्वासन दिया कि सभी मिलकर जम्मू और कश्मीर के विकास के लिए कार्य करेंगे. जम्मू-कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जल्दी ही चुनाव कराएं जाएंगे.

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर में शांति बनाए रखने के लिए सभी हितधारकों को साथ चलना होगा.

बैठक के बाद किसने क्या कहा

लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने पर जोर : अमित शाह

बैठक के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर बैठक अच्छे माहौल में हुई. सभी ने लोकतंत्र और संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की. जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने पर जोर दिया गया. हम जम्मू-कश्मीर में सभी जगह विकास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

धारा 370 की बहाली पर कोई समझौता नहीं : महबूबा

सर्वदलीय बैठक में जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री व पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग धारा 370 के रद होने से नाराज़ है. हम जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को फिर से बहाल करेंगे. इसके लिए हम शांति का रास्ता अपनाएंगे. इस पर कोई समझौता नहीं होगा.

उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि अगर आपको धारा 370 को हटाना था तो आपको जम्मू-कश्मीर की विधानसभा बैठक बुलाकर इसे हटाना चाहिए था. इसे गैरकानूनी तरीके से हटाने का कोई हक नहीं था. हम धारा 370 को संवैधानिक और क़ानूनी तरीके से बहाल करना चाहते हैं.

उन्होंने बैठक में पाकिस्तान से बात कर सीज़फायर करवाने पर प्रधानमंत्री की प्रशंसा की. बोलीं- इससे घुसपैठ कम हुई है और यह अच्छी बात है. जम्मू-कश्मीर के लोगों को पाकिस्तान से बात करने पर सुकून मिलता है तो प्रधानमंत्री को पाकिस्तान से बात करनी चाहिए.

370 को खत्म करने का फैसला नहीं स्वीकारेंगे : उमर 

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री व नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के नेता उमर अब्दुल्ला ने बैठक के बाद बताया कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार के द्वारा 370 को ख़त्म करने के फ़ैसले को हम स्वीकार नहीं करेंगे. हम अदालत के जरिए 370 के मामले पर अपनी लड़ाई लड़ेंगे. लोग चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण रूप से राज्य का दर्ज़ा दिया जाए.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक में कहा कि हम चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्ज़ा जल्द से जल्द मिले और वहां पर चुनाव भी जल्द से जल्द करवाए जाएं.

जम्मू-कश्मीर के लिए सभी मिलकर काम करेंगे

पीएम द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद बीजेपी नेता रविंदर रैना ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू-कश्मीर के सभी नेताओं को विश्वास दिलाया है कि जम्मू-कश्मीर के उज्जवल भविष्य के लिए सभी मिलकर कार्य करेंगे. जम्मू-कश्मीर की मजबूती और जनता की भलाई के लिए हर कार्य किया जाएगा, जिससे वहां के लोगों का भला हो.

कांग्रेस ने रखी पांच बड़ी मांगे

बैठक में कांग्रेस की ओर से गुलाम नबी आजाद ने केंद्र सरकार के सामने 5 बड़ी मांगे रखी. इसमें जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्ज़ा जल्द बहाल किए जाने, कश्मीरी पंडितों को घाटी में बसाने और जम्मू-कश्मीर में जल्द चुनाव कराने जाने की मांग शामिल है. उन्होंने कहा कि बैठक में अधिकतर पार्टियों ने धारा 370 का मामला सुप्रीम कोर्ट में होने की बात कही.

धारा 370 की कोई मांग नहीं रखी गई

सर्वदलीय बैठक के बाद पीडीपी (पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) के नेता मुजफ्फर हुसैन बेगने कहा कि बैठक बहुत शानदार हुई. धारा 370 का मामला सु्प्रीम कोर्ट में है. सुप्रीम कोर्ट धारा 370 के मामले पर फ़ैसला करेगा. धारा 370 की कोई मांग बैठक में नहीं रखी गई.

हालांकि, धारा 370 ख़त्म करने का फ़ैसला जम्मू-कश्मीर विधानसभा के द्वारा होना चाहिए. जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्ज़ा दिलाने की मांग सभी दलों ने की. इस पर प्रधानमंत्री ने सीधे कुछ नहीं कहा. यह जरूर कहा कि पहले परिसीमन हो जाने दिया जाए.

परिसीमन की प्रक्रिया के बाद होंगे चुनाव

बैठक के बाद जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के नेता अल्ताफ बुखारी ने कहा कि आज अच्छे माहौल में वार्ता हुई. सभी ने विस्तार से अपनी बात रखी है. प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने सबकी बाते सुनी. प्रधानमंत्री ने कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया खत्म होने पर चुनाव प्रक्रिया शुरू होगी.

उन्होंने कहा कि 370 का मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो उस पर क्या बात होती. दुख तो हुआ इसकी शिकायत जरूर लोगों ने की, लेकिन जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो उसका फैसला सुप्रीम कोर्ट करेगी.

ये लोग बैठक में हुए शामिल

इस बैठक में फारूख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, गुलाम नबी आज़ाद, महबूबा मुफ़्ती, रविन्द्र रैना, निर्मल सिंह, सज्जाद लोन, भीम सिंह, कवींद्र गुप्ता समेत अन्य कई नेता शामिल हुए. बैठक के दौरान गृहमंत्री अमित शाह, एनएसए अजित डोभाल, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह भी मौजूद रहे.

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