तमिल मोटिवेशनल स्पीकर व शिक्षिका सबरीमाला जयकांतन की एक वीडियो वायरल हो रही है, जिसमें वे काबा के बाहर उमरा करने वालों की तरह कपड़े पहने दिखाई दे रही हैं और उस वीडियो में उन्होंने इस्लाम कबूलने की बात कही है, साथ ही बताया है कि अब उनका नाम फातिमा सबरीमला हो गया है। (Sabarimala Accepted Islam)
मक्का की अपनी पहली यात्रा पर फातिमा सबरीमला ने कहा, “मैंने खुद से पूछा कि दुनिया में मुसलमानों के खिलाफ इतनी नफरत क्यों है? यह जानने को मैंने एक तटस्थ व्यक्ति के तौर पर कुरान पढ़ना शुरू किया, तब मुझे सच्चाई का पता चला। अब मैं खुद से ज्यादा इस्लाम से प्यार करती हूं।”
उन्होंने कहा, मुसलमान होना सम्मान की बात है। (Sabarimala Accepted Islam)
मक्का से जारी वीडियों में उन्होंने मुसलमानों से सभी को कुरान पेश करने की गुजारिश की। कहा, “आप लोगों के पास अद्भुत ‘किताब’ है, आप इसे अपने घरों में क्यों छिपा रहे हैं। पूरी दुनिया को इसे पढ़ना चाहिए।”
A famous Tamil Nadu Social Activist & Teacher Sabarimala accepted Islam.
Now Fathima Sabarimala.
Hatred towards Indian Muslims led her to read the Quran & then embrace Islam.
She Said ,“Now I love Islam more than Myself “
Allahu akbar. pic.twitter.com/cVr7cy11MM— Mohammed Habeeb Ur Rehman (@Habeebinamdar) April 23, 2022
फातिमा सबरीमला का जन्म 26 दिसंबर 1982 को मदुरै में अलगघरसामी और कलैयारसी के घर हुआ था। उन्होंने जयकांतन से शादी की और उनका एक बेटा है जिसका नाम जयचोलन है।
सबरीमला ने अपनी शिक्षा डिंडीगुल, तमिलनाडु में की और 2002 में कुड्डालोर जिले के कट्टूमन्नारगुडी के पास एलेरी स्कूल में एक स्कूल शिक्षिका बनीं। फिर उन्होंने सरकारी स्कूल शिक्षक के रूप में अपनी नौकरी यह कहते हुए छोड़ दी कि राष्ट्र उनकी नौकरी से ज्यादा अहम है।
सबरीमला पूरे भारत में एकल शिक्षा प्रणाली लाने की प्रबल पक्षधर हैं। वह कहती हैं कि NEET परीक्षा की कोई जरूरत नहीं है। उनका तर्क है, “भारत में समान शिक्षा प्रणाली न होने पर एनईईटी सभी के लिए समान कैसे हो सकता है।
वह ‘NEET’ के खिलाफ भूख हड़ताल पर चली गईं थीं और जोर देकर कहा कि जब तक भारत में एक आम शिक्षा प्रणाली लागू नहीं हो जाती तब तक NEET को खत्म कर दिया जाना चाहिए। (Sabarimala Accepted Islam)
तमिलनाडु की यह हस्ती 2002 से सामुदायिक सेवा में जुटी हैं। वह शैक्षिक समानता, लड़कियों की सुरक्षा और महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ रही हैं। उन्होंने 2017 में तमिलनाडु में “विजन 2040” नामक एक संगठन शुरू किया। इस संगठन का लक्ष्य बालिकाओं की सुरक्षा और एकल शिक्षा प्रणाली लाना है।
सबरीमला समाज में लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ हिंसा के खिलाफ भी लड़ती रही हैं। वह लड़कियों की सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए पूरे तमिलनाडु के ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग छह लाख लड़कियों से मिल चुकी हैं। उन्होंने बालिका संरक्षण पर एक किताब भी लिखी है और इसे 5000 स्कूली लड़कियों को वितरित किया है। कोयंबटूर में यौन शोषण के मामले में मरने वाली लड़की ऋतन्याश्री के परिवार के लिए एक लाख रुपए की मदद की व्यवस्था की।
मोटिवेशनल स्पीकर के तौर पर सबरीमला 2000 से ज्यादा स्टेज पर स्पीच दे चुकी हैं। इसके अलावा 200 से ज्यादा प्लेटफार्मों पर पैनल स्पीकर रही हैं। वेंडर टीवी, न्यूज 7 टीवी, जया टीवी आदि पर कई टीवी कार्यक्रमों का संचालन करती हैं।
वह कहती हैं, उनके भाषण कारोबार के लिए नहीं बल्कि सामाजिक बदलवा के लिए हैं।
उनका फौरी मिशन सरकारी स्कूल के छात्रों को सार्वजनिक वक्ताओं में बदलना है। उन्होंने हजारों छात्रों को मंचीय भाषणों के लिए तैयार किया है। वह छात्रों को वक्ताओं में बदलने को पूरे तमिलनाडु में स्कूलों, त्योहारों और साहित्यिक स्थानों पर कार्यशालाओं का आयोजन करती हैं।
सबरीमला ने “घर पर वापसी नहीं” के नारे के साथ भी एक अभियान शुरू किया है। वह वादा करती हैं कि वह किचन में खड़ी महिलाओं को विधानसभा में भेजेंगी। उन्होंने नारीवादी उद्देश्यों के साथ एक राजनीतिक दल “महिला लिबरेशन पार्टी” (डब्ल्यूएलपी) भी बनाई है। (Sabarimala Accepted Islam)
फातिमा सबरीमाला उर्फ सबरीमाला कहती हैं कि महिलाओं को बच्चे पैदा करने या रसोई मशीन के रूप में देखा जाता है, महिला लिबरेशन पार्टी इन रूढ़ियों को तोड़ देगी और तमिलनाडु में महिलाओं की स्थिति को बदलकर मानेगी।
Source: Siasat @ Agencies