इफ्तार से पहले रोजेदार मां-बाप और जवान बेटा-बेटी को जिंदा फूंका

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रमजान के आखिरी दिनों में जहां इबादत चरम पर है और जकात से खुशियां बांटी जा रही हैं, ईद का बेसब्री से इंतजार हो रहा है, इस खुशनुमा हालात में सऊदी अरब से दिल दहलाने वाली खबर आई है। यहां एक शख्स ने इफ्तार से कुछ पहले रोजा रख रहे मां, बाप, जवान बेटा और बेटी को कमरे में बंद करके घर को पेट्रोल छिड़कर आग लगा दी। भयानक आग में चीख-पुकार करते हुए चारों ही रोजेदार झुलसकर मारे गए। (Rozedar Burnt Before Iftar)

सऊदी अरब के सफवा शहर में हुई इस दर्दनाक वारदात से न सिर्फ उस इलाके में कोहराम मच गया है, बल्कि दुनिया में जहां भी यह खबर पहुंची, लोग गमजदा हो गए। इफ्तार से ठीक पहले आग लगाकर मारने की यह घटना सोच समझकर होने के इशारा मिल रहा है, हालांकि जांच के सभी पहलुओं की पड़ताल जारी है। इतना तो साफ है कि मारने के पक्के इरादे से ही परिजनों को कमरे में बंद किया गया, जिससे उनके बचने की गुंजायश न रहे।

स्थानीय मीडिया के अनुसार, यहां के लोगों ने बताया कि इफ्तार का वक्त होने जा रहा था, इसलिए ज्यादातर लोग अपने ही घरों में थे और दूसरी ओर किसी का ध्यान भी नहीं था और न ही ऐसी कोई आशंका थी, जो कोई चौकन्ना रहता। चीख-पुकार सुनकर कुछ लोग मौके पर पहुंचे, जिनका कहना है कि घर में फंसे लोग भयानक लपटों के बीच से बचाने को मिन्नतें कर रहे थे, लेकिन बचाने का जरिया बन पाता इससे पहले आग ने उन्हें पूरी तरह आगोश में ले लिया।

ऐसा भी बताया जा रहा है कि आग की लपटों में घिरने पर उन्होंने कुछ लोगों को फोन भी किया, लेकिन बचाव के लिए कोई मदद नहीं मिल सकी। जब तक लोग पहुंचे, उनके शरीर झुलसकर विकृत हो चुके थे।

जिस घर में आग लगने की वारदात हुई: फाइल फोटो, सऊदी न्यूज एजेंसी से साभार

सूचना पर दमकल और नागरिक सुरक्षा अमले ने आग को बुझाया और मृतकों के आरोपी परिजन बच्चों के पिता और बुजुर्गों के बेटे, जो एक ही था, उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने अपराधी पर कानूनी लिखापढ़ी के बाद जेल भेज दिया है। आगे का फैसला लोक अभियोजन करेगा। (Rozedar Burnt Before Iftar)

जांचकर्ता फिलहाल यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर इतनी जघन्य वारदात को अंजाम देने की वजह क्या रही। शुरुआत में जांच में दो बातें सामने आई हैं- एक आरोपी ने चार परिजनों को कमरे में बंद करके आग लगाई और दूसरा उसके पास से मेथमफेटामाइन (शबू) नामक दवा पाई गई।

रिसर्च बताते हैं कि मेथमफेटामाइन ताकतवर नशीली दवा है, इसकी लत लग जाती है और ज्यादा इस्तेमाल होने पर नर्वस सिस्टम पर असर डालती है। पानी या शराब में आसानी से घुलने वाली यह दवा 20वीं शताब्दी की शुरुआत में मूल दवा एम्फ़ैटेमिन से विकसित की गई थी, जिसका इस्तेमाल नाक के डीकॉन्गेस्टेंट और ब्रोन्कियल इनहेलर्स में इस्तेमाल किया गया था। (Rozedar Burnt Before Iftar)

मेथमफेटामाइन शरीर और दिमाग को बेवजह सक्रिय कर सकती है, बातूनीपन बढ़ता है, भूख कम लगती है। दवा की ज्यादा मात्रा मस्तिष्क में पहुंचने पर यह उत्तेजना पैदा करती है।

Source: Islamic Information & Agencies


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