मक्का में रोबोट बने ‘मुफ्ती’, पलभर में लीजिए फतवा

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सऊदी अरब में विजन 2030 के तहत हर क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दबदबा बढ़ता जा रहा है। दुनियाभर के मुसलमान इसका अंदाजा मक्का जाकर लगा ही सकते हैं, जहां इन दिनों मुफ्ती नहीं, बल्कि रोबोट फतवे दे रहे हैं। इस सवाल डाला और उधर झट से फतवा हाजिर। ऐसा भी नहीं कि जानकारी सिर्फ अरबी ज़बान में ही मिलेगी। दर्जनों भाषाओं में यह हाईटेक मुफ्ती जवाब दे सकते हैं, उतनी ही तेजी से। (Robot ‘Mufti’ In Mecca)

मस्जिद अल हरम और मस्जिद अल नबवी मामलों की जनरल प्रेसीडेंसी ने मक्का में ग्रैंड मस्जिद में फतवा जारी करने के लिए स्मार्ट गाइडेड रोबोट तैनात कर दिए हैं। ‘स्मार्ट स्टॉपिंग सिस्टम’ जुड़े ये चार पहिए वाले रोबोट हाई-रिज़ॉल्यूशन कैमरे, हाई डेफिनीशन हेडफ़ोन, माइक्रोफ़ोन और फास्ट डेटा कम्युनिकेशन के साथ हाई स्पीड 5जी वाई-फाई से लैस हैं।

21 इंच की टच स्क्रीन वाले ये रोबोट कई साइटों पर मौजूद हैं, जो सामान्य जानकारी, यहां होने वाली रस्मों के सही तौर-तरीके बताना, दूर बैठे विद्वानों से बातचीत, अरबी, अंग्रेजी, फ्रेंच, रूसी, फारसी, तुर्की, मलय, उर्दू, चीनी, बंगाली समेत कई भाषाओं में लाइव व्याख्या या अनुवाद करके बताना इनका काम है।

गाइडेंस अफेयर्स के डिप्टी प्रेसिडेंट शेख बद्र बिन अब्दुल्ला अल-फुरैह का कहना है कि रमजान के दौरान उमरा की रस्मों के बारे में रोबोट से रोजाना 100 से 150 सवाल पूछे जाते हैं। रोबोट के साथ बातचीत करने वाले ज्यादातर लोग सऊदी, सीरियाई, पाकिस्तानी या भारतीय हैं। (Robot ‘Mufti’ In Mecca)

रोबोट कई किताबों से जानकारी हासिल करने में सक्षम है, साथ ही अरब दुनियाभर के विद्वानों द्वारा दी गई सलाह भी इसके डेटा में मौजूद है।

अपने डिजिटल प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में जनरल प्रेसीडेंसी ने ज़मज़म रोबोट भी लांच किया है, जो यहां आने वालों को ज़मज़म पानी बांटता है। ये रोबोट पूरी बैटरी चार्ज होने पर आठ घंटे तक सक्रिय रहते हैं।

डिजिटल प्रोजेक्ट को जनरल प्रेसीडेंसी के ‘हाउ टू बी ए रोल मॉडल इन द डिजिटल वर्ल्ड’ अभियान के तहत विकसित किया गया है। (Robot ‘Mufti’ In Mecca)


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