देश में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी, 123 साल में सबसे गर्म रहा इस साल अप्रैल का महीना

द लीडर हिंदी: देश में गर्मी सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है. चिलचिलाती धूप से लोगों के पसीने छूट गए. इस साल अप्रैल का महीना सबसे गर्म रहा. 1901 के बाद से पहली बार ऐसा हुआ कि देश के ज्यादातर भागों में अप्रैल में सबसे ज्यादा दिनों तक लू चली. मई में भी प्रचंड गर्मी से राहत नहीं मिलने वाली. इस महीने देश के ज्यादातर क्षेत्रों में पारा और चढ़ेगा और लू के दिन भी बढ़कर 11 दिन तक हो सकते हैं. हालांकि, 2023 को अब तक का सबसे गर्म साल माना जाता है.भारत मौसम विभाग के डेटा के मुताबिक, उत्तर-पूर्व भारत में औसत तापमान 123 सालों में इस महीने में सबसे अधिक था. जबकि तीन बड़े शहरों बेंगलुरु, कोलकाता और मुंबई में अन्य क्षेत्रों के तुलना में काफी कम देखा जा रहा है.

वही भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक ने बुधवार को मई महीने के लिए मौसम का पूर्वानुमान जारी करते हुए यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अप्रैल के महीने में 5 से 7 और फिर 15 से 30 तारीख के बीच दो दौर में लू चली. औसत अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. महापात्र ने कहा कि पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में अप्रैल के महीने में औसत न्यूनतम तापमान 28.12 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. 1901 से दर्ज किए जा रहे तापमान में यह पहला मौका था कि इन क्षेत्रों में अप्रैल में इतना अधिक न्यूनतम तापमान रहा. उन्होंने यह भी बताया कि 1980 के दशक के बाद से दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में सामान्य से अधिक अधिकतम तापमान आम हो गया है.

आईएमडी के मुताबीक दक्षिण राजस्थान, पश्चिम मध्य प्रदेश, विदर्भ, मराठवाड़ा और गुजरात क्षेत्र में मई में करीब 8-11 दिनों तक लू चल सकती है. राजस्थान के शेष भाग, पूर्वी मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों, आंतरिक ओडिशा, गांगेय पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तर आंतरिक कर्नाटक और तेलंगाना में इस महाने 5-7 दिन लू चलने की संभावना है. आमतौर पर उत्तर भारत के मैदानी इलाकों, मध्य भारत और प्रायद्वीपीय भारत के आसपास के क्षेत्रों में मई में लगभग तीन दिन लू चलती है.

कम हुई बारिश, बढ़ गई चिलचिलाती गर्मी
आपको बताते चले अप्रैल में पूर्व, पूर्वोत्तर और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में लंबे समय तक गर्मी और लू चलने की मुख्य वजह गरज के साथ होने वाली बारिश में कमी रही. पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी और भारत के निकटवर्ती पूर्वी तटों पर निचले स्तर पर बने चक्रवात रोधी परिस्थितियों की वजह से कम बारिश हुई. इस मौसमी घटना की वजह से समुद्र से आने वाली हवाएं अधिक दिनों तक ओडिशा और बंगाल की तरफ नहीं बहीं.

मई में सामान्य बारिश का अनुमान
आईएमडी के मुताबिक, मई के महीने में सामान्य बारिश (दीर्घकालिक औसत के 91-109 फीसदी तक) होने का अनुमान है. उत्तर पश्चिम भारत, मध्य भारत के कुछ क्षेत्रों, प्रायद्वीपीय और पूर्वोत्तर भारत के अधिकतर हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है.वही पांच सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उत्तर और मध्य भारत में अप्रैल के महीने में नियमित अंतराल पर आंधी-तूफानों के साथ बारिश और ओलावृष्टि होती रही.

 

  • Abhinav Rastogi

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