द लीडर हिंदी, नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने एफडी से जुड़े नियमों में एक अहम बदलाव किया है. इस बदलाव के बाद एफडी की मियाद पूरी होने पर अगर अपने राशि पर क्लेम नहीं किया तो आपको कम ब्याज मिलेगा. यह ब्याज बचत खाते पर मिलने वाले ब्याज जितना होगा.
आरबीआई ने जारी किया सर्कुलर
RBI ने सर्कुलर में कहा कि, इसकी समीक्षा पर, यह निर्णय किया गया है कि अगर फिक्स्ड डिपॉजिट मैच्योरी हो जाती है और राशि का भुगतान नहीं हो पाता है और वह बिना दावा के बैंक में पड़ी रहती है तो उस पर ब्याज दर सेविंग अकाउंट के हिसाब से या फिक्स्ड डिपॉजिट की मैच्योरिटी पर ब्याज की अनुबंधित दर, जो भी कम हो, देय होगी.
क्या होता है फिक्स्ड डिपॉजिट ?
बता दें कि, फिक्स्ड डिपॉजिट, वह जमा राशि है जो बैंकों में एक निश्चित अवधि के लिए तय ब्याज पर रखी जाती है. इसमें रिकरिंग, संचयी, पुनर्निवेश जमा और नकद प्रमाण पत्र जैसी जमा भी शामिल हैं.
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इन पर लागू होगा नया नियम
नया नियम सभी वाणिज्यिक बैंकों, स्मॉल फाइनेंस बैंक, सहकारी बैंक, स्थानीय क्षेत्रीय बैंकों में जमा पर लागू होगा.
क्या था पुराना नियम ?
पुराने नियम के तहत अगर आप अपनी मैच्योर हो चुकी FD से पैसा नहीं निकालते हैं या दावा नहीं करते हैं तो आपकी FD को उसी अवधि के लिए आगे बढ़ा दी जाती थी जिसके लिए आपने पहले FD की थी.
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